इंदौर। भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आज प्रथम पुण्यतिथि है। साल भर पहले संगीत अकादमी और प्रतिमा लगाए जाने की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री की घोषणा को सरकारी अमला भूल गया। प्रतिमा को लेकर नगर निगम ने कुछ दिनों पहल गांधी हॉल का चयन किया पर अधिकृत मंजूरी अभी भी बाकी है।
देश की शान गायिका लता मंगेशकर का सालभर पहले निधन हो गया था। प्रथम पुण्यतिथि पर आज पूरा देश याद कर रहा है। इंदौर से उनका सीधा संबंध रहा,क्योंकि २८ सितंबर १९२९ को सिख मोहल्ले में उनका जन्म हुआ था। दुखद निधन के बाद में 6 फरवरी 2022 को मुख्यमंत्री शिवराजङ्क्षसह चौहान ने लता मंगेशकर की प्रतिमा लगाने व संगीत अकादमी, संगीत महाविद्यालय और संगीत संग्रहालय की स्थापना की घोषणा की थी। सालभर हो गया है, लेकिन आज तक आज तक प्रतिमा स्थापित नहीं हो पाई है।
संबंधित विभागों ने मुख्यमंत्री की घोषणा पर अब तक अमल नहीं किया। कागजों पर ही घोषणाओं के स्वर गूंज रहे हैं। अब तक जमीन पर कुछ नहीं हुआ। पिछले दिनों नगर निगम के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी नंदू पहाडिय़ा ने अफसरों को लेकर गांधी हॉल का दौरा किया था। उन्होंने वहां प्रतिमा स्थापित करने की जगह तय की थी। प्रभारी पहाडिय़ा के तय होने के बाद अधिकृत मंजूरी अभी तक नहीं हुई है। इसके बाद प्रतिमा की निविदा निकाली जाएगी। सारी प्रक्रिया में समय लगेगा। इधर, संगीत कला अकादमी व अन्य संस्था के निर्माण का काम प्रदेश के संस्कृति मंत्रालय का है, लेकिन कोई भी संस्था अब तक अस्तित्व में नहीं आई है।
उठी थी ये भी मांग
लता मंगेशकर का जन्म सिख मोहल्ले में जन्म हुआ था। जहां पर वर्तमान में मेहता क्लॉथ का शो रूम संचालित हो रहा है। जिस गली में लता मंगेशकर का जन्म हुआ उसे लता के नाम पर करने की मागं की जा रही थी। उसको लेकर भी कोई पहल नहीं हुई।
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