जल जीवन मिशन से घर-घर नल के प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री के सपनों को इंदौर के नवाचार ने दी नई उड़ान

इंदौर, सिटी रिपोर्टर।
आगामी 2024 तक प्रदेश के नागरिकों को स्वच्छ, सुरक्षित पेयजल जल जीवन मिशन से घर- घर नल से जल पहुंचाने का संकल्प लिया है। इंदौर ग्रामीण क्षेत्र आधुनिक तकनीकी नवाचार के साथ प्रदेश का बड़ा ग्रामीण जिला बनने वाला है। पीएचई विभाग ने तकनीकी नवाचार करते हुए पानी सप्लाय सिस्टम के प्रमुख हिस्से ट्यूबवेल से टंकियों तक पानी पहुंचाने के नियंत्रण का काम मोबाइल एप और सेंसर डिवाइस के माध्यम से मानव रहित बनाने का कमाल किया है। जिले के 569 गांवों में से 336 गांवों की योजना में यह एप कार्य कर रहा है।
विभाग का कहना है, यह प्रदेश में पहला सिस्टम है। इसमें पानी की बूंद-बूंद की कीमत की गई है। इसे मिशन की राष्ट्रीय कार्यशालाओं में भी सराहना मिली है। जिले में मिशन के तहत घर-घर नल से जल पहुंचाने का कार्य चल रहा है। इसके लिए पानी की टंकी और पाइप्ड वाॅटर सप्लाय सिस्टम तैयार किया है। पानी स्त्रोत के लिए ट्यूब वेल का उपयोग किया जा रहा है। टंकी तक पानी पहुंचाने के लिए ट्यूबवेल से पहले संपवेल में पानी एकत्रित करते है। इस पानी को टंकी में उपर चढ़ा कर गांव में सप्लाय कर रहे है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने मानव रहित वाटर सप्लाय ऑटोमेशन सिस्टम तैयार किया है।

विभाग के कार्यपालन यंत्री सुनिल उदियां ने बताया, इस सिस्टम में वाॅटर कलेक्शन सिस्टम को संचालित करने के लिए ऑटोमेशन डिवाइस व एप तैयार किया है। आडियो व टैक्स मैसेज मिलते हैं सेंसर आधारित यह सिस्टम मोबाइल एप के माध्यम से मॉनिटर किया जा रहा है। इसमें ट्रयूबवेल से संपवेल में पानी एकत्रित करने और सप्लाय टंकी भरने का कार्य ऑटोमेटिक हो रहा है। इसमें पंप हाउस पर मोटर बंद चालू करने के लिए व्यक्ति की जरूरत नहीं होती है। मोबाइल एप से मॉनिटर किया जाता है। जिसमें आडियो और टैक्स दोनों मैसेज होते हैं। उन्होंने बताया, सिस्टम को जलशक्ति मंत्रालय की सचिव विनी महाजन और कलेक्टर डॉ इलैया टी ने फंक्शन करते हुए देखा और सराहना की है। कोलकाता व मुंबई राष्ट्रीय कार्यशाला में भी तकनीकी लोगों ने इसे पानी की बर्बादी रोकने का श्रेष्ठ उपाय बताया है।
पूरे जिले में लगा रहे
कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी ने कहा, यह अच्छा नवाचार है। इससे टंकी भरने के बाद पानी और बिजली दोनों का संरक्षण होगा। इसे सभी गांवों में लगा रहे हैं।

इस तरह काम कर रहा सिस्टम
- सिस्टम दो डिवाइस से बना है। एक मास्टर व दूसरा स्लैव डिवाइस है।
- संपवेल के समीप पंप हाउस में मास्टर डिवाइस लगाया गया है। सेंसर ट्यूब वेल, संपवेल और सप्लाय टंकी पर लगाए है। स्लेव डिवाइस मास्टर डिवाइस के आदेश का पालन करता है।
- सिस्टम संपवेल और ट्यूबवेल और संपवेल व टंकी के बीच कार्य करता है।
- संपवेल भर जाने पर ट्यूबवेल अपने आप बंद हो जाते हैं। इसकी सूचना भी एप पर मिलती है।
- टंकी भर जाने पर संपवेल की मोटर बंद हो जाती है, आधी से ज्यादा खाली होने पर फिर चालू हो जाती है। - इसी तरह संपवेल खाली होने पर ट्यूबवेल की मोटर फंक्शन करती है।



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