महिला ऊर्जा हेल्प डेस्क को बनाया जाएगा और बेहतर

इंदौर। पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलाने और समस्याओं के समाधन के लिए शहर के थानों में संचालित महिला ऊर्जा हेल्प डेस्क को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है इसके लिए प्रयास हो रहे हैं। इस दिशा में कई बिदुओं पर सर्वे के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की टीम जल्दी इंदौर आएगी।

गौरतलब है कि शहर के सभी 32 थानों में अब ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क के जरिए पीडित महिलाओं की समस्याएं महिला पुलिस अधिकारी ही सुनती हैं। दो साल पहले प्रदेशभर के थानों में इस डेस्क का शुभारंभ हुआ था। इसका उद्देश्य ये है कि महिला अफसर के सामने पीडिता बेझिझक अपनी पीड़ा रख सकती है। थानों में अलग से एक कक्ष है, जहां शिकायत लेकर आने वाली महिलाओं, युवतियों एवं किशोरियों की सुनवाई के लिए बैठने की अलग व्यवस्था है। एडिशनल डीसीपी मनीषा पाठक सोनी ने बताया कि शहर के थानों में संचालित महिला ऊर्जा हेल्प डेस्क को और बेहतर बनाने को लेकर पर सेकंड लेवल के सर्वे के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी यूके की जयपाल इंस्टिट््यूटट ऑफ रिसर्च से फैलो रिसर्च स्कॉलर्स की एक इंदौर टीम 17 फरवरी के बाद आ रही है। एक टीम ने प्रारंभिक सर्वे किया है। सर्व में देखा जाएगा कि डेस्क स्टाफ को क्या ट्रैङ्क्षनग की जरूरत है. इंफ्रास्ट्रक्चर और क्या होना चाहिए ताकि डेस्क बेहतर कर सकें। महिलाओं का पुलिस के प्रति के विश्वास बढ़ाने के लिए और क्या उपाय हो सकते हैं। फैलो रिसर्च स्कॉलर्स की टीम इंदौर में एक हफ्ते रहेगी। टीम यह देखेगी कि पहले कितनी शिकायतें आती थीं। जनरल डायरी में कितनी इंट्री होती थी। डेस्क स्थापना के बाद शिकायतों की इंट्री में कितना परिवर्तन आया। टीम सीसीटीवी फुटेज भी देखेगी और संतुष्टि का आंकलन करेगी। सर्वे में केस रैफर करने का ङ्क्षबदु भी है। एडिशनल डीसीपी ने बताया कि सिर्फ थाने में ही हर समस्या का समाधान नहीं होता। कई बार उसका संबंध अन्य विभागों से होता है, जैसे महिला बाल विकास विभाग, रेवेन्यू, शिक्षा विभाग आदि। डेस्क ने केस रैफर किया या नहीं। रैफरर फॉर्म मासिक कितने जा रहे हैं, आदि ङ्क्षबदु भी शामिल हैं।



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