SIP Hits Luxury Car Sales: SIP में बढ़ते निवेश के चलते नहीं बिक रही भारत में लग्जरी कारें, Mercedes-Benz का अजीबोगरीब बयान!

<p style="text-align: justify;"><strong>SIP Investment Hurts Luxury Car Sales: </strong>म्यूचुअल फंड में &nbsp;सिस्टैमिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए इन दिनों किया जाने वाला निवेश लगातार बढ़ता जा रहा है. अक्टूबर 2022 में केवल एक महीने में एसआईपी में निवेश रिकॉर्ड 13000 करोड़ रुपये के पार जा पहुंचा है. दुनिया के बड़े देशों के शेयर बाजार में भारी गिरावट के बावजूद एसआईपी के जरिए बढ़ते निवेश के कारण भारतीय शेयर बाजार ऐतिहासिक ऊंचाई के लेवल पर कारोबार कर रहा है. लेकिन दिग्गज लग्जरी कारें एसयूवी बनाने वाली कंपनी मर्सिडीज-बेंज (Mercedez-Benz) इंडिया के एक आला अधिकारी का मानना है कि म्यूचुअल फंड के एसआईपी के जरिए बढ़ते निवेश के चलते लग्जरी गाड़ियों के सेल्स को नुकसान हो रहा है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>SIP बनी लग्जरी कार इंडस्ट्री की प्रतिद्वंदी</strong><br />मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मर्सिडीज बेंज इंडिया के सेल्स एंड मार्केटिंग हेड संतोष अय्यर ने कहा कि सिस्टमैट्क इंवेस्टमेंट प्लान हमारे सबसे बड़े प्रतिद्वंदी हैं. उन्होंने कहा कि मैं अपने टीम सदस्यों से कहता हूं कि अगर आपने सिस्टमैटिक इवेस्टमेंट प्लान के निवेश के साइकिल को तोड़ दिया तो इससे हमें जबरदस्त फायदा होगा. यानि उनका कहना है कि एसआईपी में निवेश को रोकने या उसे बीच में तोड़ने में आप कामयाब हो गए तो लग्जरी गाड़ियों के सेल्स में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल सकता है. संतोष अय्यर के मुताबिक पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में बचत को लेकर लोगों का रूझान ज्यादा है. सोशल सिक्योरिटी के अभाव में लोग अपने लिए बच्चों को लिए निवेश और बचत करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई लग्जरी कार खरीदने वाला कोई संभावित कस्टमर जो 50,000 रुपये एसआईपी निवेश के जरिए बचत कर रहा अगर उस बचत को लग्जरी कार मार्केट की ओर मोड़ दिया जाए तो इससे लग्जरी कार इंडस्ट्री को जबरदस्त फायदा होगा.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>FII पर रिटेल निवेशक भारी</strong><br />कोरोना महामारी ने 2020 में जब भारत में दस्तक दी और उसके चलते मार्च 2020 में देश में लॉकडाउन लग गया. लोग घर की चारदीवारी में बंद रहने को मजबूर हो गए. लॉकडाउन के चलते भारतीय शेयर बाजार औंधे मुंह गिर चुका था. सेंसेक्स 42000 के नीचे 27000 और निफ्टी 12400 &nbsp;से 7500 के लेवल तक नीचे जा आ गया. लेकिन बाजार में इस आई इस गिरावट में रिटेल निवेशकों को निवेश का बड़ा अवसर नजर आया जो पुरानी तेजी को भूनाने में पीछे रह गए थे. उन्होंने घर में रहते हुए शेयर बाजार में म्यूचुअल फंड में रिकॉर्ड निवेश करना शुरू कर दिया. इसका असर ये हुआ कि 2022 में वैश्विक उठापटक के बावजूद सेंसेक्स 62,643 और निफ्टी 18600 के करीब अपने के रिकॉर्ड हाई पर ट्रेड कर रहा है. विदेशी निवेशकों पर अब रिटेल निवेशक भारतीय बाजार में हावी हो चुके हैं. &nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ढाई साल में खुले 6 करोड़ डिमैट खाता&nbsp;</strong><br />31 मार्च 2020 तक देश में जहां केवल 4 करोड़ डिमैट खाते थे उसकी संख्या बढ़कर 10 करोड़ के पार जा पहुंची. लॉकडाउन के बाद से लेकर अब तक 6 करोड़ डिमैट खाता खुल चुके हैं. तो म्यूचुअल फंड में भी एसआईपी के जरिए निवेश में बेहताशा बढ़ोतरी देखने को मिली. एसआईपी में बढ़ते निवेश के चलते वैश्विक संकट के चलते दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट के बावजूद भारतीय शेयर बाजार इससे बेअसर रहा है. मई 2022 के बाद से लगातार हर महीने 12000 करोड़ रुपये से ज्यादा एसआईपी के जरिए निवेश बाजार में आया है.&nbsp;</p>

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