इंदौर। स्वच्छता में नंबर वन इंदौर अब सफाई के साथ ही स्वास्थ्य में भी नंबर वन आने की तैयारी करेगा। इसके लिए नगर निगम रहवासियों के लिए हर वार्ड में एक योग सेंटर बनाएगा। यहां रोजाना प्रशिक्षित योग शिक्षकों द्वारा योगासन का आम लोगों को न सिर्फ प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि योग कराया जाएगा। इसको लेकर सोमवार को महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने महापौर सचिवालय में बैठक बुलाई थी। बैठक में अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, देवधर दरवाई, अधीक्षण यंत्री दिलीपसिंह चौहान, उद्यान अधिकारी चेतन पाटिल, कार्यपालन यंत्री लक्ष्मीकांत बाजपेयी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। अफसरों को महापौर ने निर्देश जारी किए कि सभी 85 वार्ड में योगा प्रशिक्षण व योगा करने के लिए उचित स्थानों का चयन जल्द से जल्द करें। महापौर भार्गन ने तय किया है कि वे इन सभी सेंटर्स पर खुद जाएंगे। वे एक सेंटर के लिए एक दिन निर्धारित करेंगे।
आज से होगी शुरुआत
महापौर योगा और वार्ड निरीक्षण की शुरुआत मंगलवार को वार्ड 42 से करेंगे। वार्ड के साकेत उद्यान स्थित कम्युनिटी हॉल में सुबह 6:30 बजे वे क्षेत्रीय पार्षद मुद्रा शास्त्री के साथ योगा करेंगे।
शरीर व मन को स्वस्थ रखने के लिए योग जरूरी
शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक सुख व आध्यात्मिक प्रगति के लिए योग महत्वपूर्ण है। योग से बीमारियों को दूरकर खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। योग से नैतिकता का विकास होता है और शाश्वत मूल्यों को विकसित किया जा सकता है। यदि शरीर और मन को स्वस्थ रखना है तो हमें योग की शरण में जाना होगा। योग से आत्म शुद्धि होती है। पहला सुख निरोगी काया और यह सुख हमें नियमित योग द्वारा प्राप्त हो सकता है। यदि हम जीवन में रोज नियमित रूप से योगासन और प्राणायाम करते हैं तो हमें सकारात्मक विचार आते हैं। जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
योगासन करते समय ध्यान रखें ये बातें
-योगासन सुबह या शाम को शौच से निवृत्त होकर भोजन करने से पहले करना चाहिए।
-योगासन ऐसे स्थान पर करना चाहिए जहां जमीन ऊंची-नीची न हो।
-योग स्थल साफ व स्वच्छ हो, शुद्ध हवा आती हो, दरी या कंबल बिछाकर आसन करें।
-योगासन धैर्य और लगन से करना चाहिए, जल्दबाजी नहीं करना चाहिए।
-किसी भी आसन को झटके से नहीं करना चाहिए, किसी भी आसन की संख्या अथवा समय धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए।
-स्वस्थ व्यक्ति अपने आसन का निश्चित सेट अवश्य बना लेना चाहिए, योगासन के पूर्व प्रार्थना करना चाहिए।
-योगासन के बाद प्राणायाम करें तो बेहतर है, इसके लिए भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम, कपाल भाति, प्रणोत्चार करना चाहिए, आसनों के बीच में व अंत में शवासन करें।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/pbZCgEj