बड़े पद के देख रहे थे ख्वाब... टीम में भी नहीं मिल पाई जगह

इंदौर। भाजयुमो के नगर पदाधिकारियों की घोषणा हो गई। नगर अध्यक्ष सौगात मिश्रा की चौंकाने वाली टीम सामने आई जिसमें कई नाम तो बिलकुल नए हैं। इधर, कई पुराने चेहरे बहुत आत्मविश्वास से लबरेज थे। कुछ तो खुद को महामंत्री मान कर चल रहे थे उन्हें टीम में जगह तक नहीं मिली, जबकि समर्पण में उन्होंने कोई कमी नहीं रखी थी।

राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता है। सामने जो संसार दिखता है वह पलक झपकते ही गायब भी हो
जाता है। ऐसा ही कुछ भाजयुमो के कुछ नेताओं के साथ हुआ। सौगात मिश्रा के नगर अध्यक्ष बनने के बाद
कई मोर्चा नेता साथ में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे। उन्हें आशा थी कि टीम में महती जगह दी जाएगा तो उन्हें विश्वास भी दिलाया गया। उसके भरोसे पूरी शिद्दत से नेताओं ने तन, मन और धन लगाकर काम किया। चाहे प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार का इंदौर आगमन हो या चुनाव में रैलियां हो और कोई भी मोर्चा के आयोजन हो वे बढ़चढ़ कर भाग लेते थे।

शुक्रवार की रात को दो दर्जन नेताओं के नीचे से जमीन खिसक गई, क्योंकि पदाधिकारी तो दूर टीम में जगह तक नहीं दी गई। उनमें से आधा दर्जन तो महामंत्री पद के दावेदार थे जिन्हें लॉलीपॉप भी दी गई थी कि चिंता मत करो बनाने में पूरी ताकत लगाई जाएगी। इस दौड़ में विवेक शर्मा, भावेश दवे, गौरव परिहार, जय राजदेव, अमन यादव और अंकित परमार का नाम भी प्रमुख थे। कुछ को तो लगा था कि उन्हें महामंत्री नहीं तो उपाध्यक्ष बना दिया जाएगा। उन्हें अध्यक्ष के कहने पर किए गए समर्पण पर पूरा भरोसा था, लेकिन वे टीम में जगह तक नहीं बना पाए। इनके अलावा भी एक दर्जन से अधिक दावेदार हैं जो मोर्चा से बाहर हो गए।

अमित की नियुक्ति ने चौंकाया
भाजयुमो नगर उपाध्यक्ष बने अमित पालीवाल की नियुक्ति चौंकाने वाली रही, क्योंकि एक नंबर में किसी बड़े नेता ने नाम नहीं दिया था। युवाओं की अच्छी टीम होने की वजह से नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने भी तुरंत मंजूरी दे दी। पदाधिकारी बनाए जाने के लिए भोपाल से नाम आया था। गोलू पटवा ने प्रदेश के बड़े नेता के माध्यम से सिफारिश की थी। भाजयुमो नगर अध्यक्ष रहे अजीतसिंह रघुवंशी की कार्यकारिणी में पटवा ने अपने खास कैलाश बागौरा को उपाध्यक्ष बनवाया था, जबकि वह पद उन्हें दिया जा रहा था।

बड़े नेताओं को झटका
टीम मिश्रा के प्रकट होने से सांसद, विधायक सहित कई बड़े नेताओं को करारा झटका लग गया है। विधायक रमेश मेंदोला के कहने पर नि€की राय को महामंत्री बनाया गया तो सीधे प्रदेश से नाम आने पर धीरज ठाकुर बने। वैसे तो ठाकुर को सुदर्शन गुप्ता के खाते में गिना जा रहा है, लेकिन कई नाम ऐसे हैं जो उनके टच में नहीं हैं। ऐसी ही स्थिति विधायक मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, मधु वर्मा और जीतू जिराती की भी हुई। उनके नामों को जगह नहीं मिली।

ये भी थे दावेदार
मोर्चा में पद पाने के लिए विकास बाली, चुन्नू उपाध्याय, धर्मेंद्र यादव, श्रीकांत शर्मा, सोनू गौड़, विवेक सिंह गौड़, क्रांति वाजपेयी, राहुल वाधवानी, दीपक राजोरिया, गोलू चौधरी, चमनदीप सिंह, देवेंद्र पटेल व मनीष केसवानी सहित कई नाम थे।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/AIhGlzy
Previous Post Next Post