कौन बनेगा सभापति...

इंदौर. नगर निगम में पुष्यमित्र भार्गव के नेतृत्व वाली परिषद एकतरफा चुनकर आ गई है। सबसे पहले सभापति का फैसला होगा, जिसके लिए सबकी निगाह एक और दो नंबर विधानसभा पर है। जहां गंभीर, वरिष्ठ और मजबूत नाम हैं, जिन्हें बड़ा पद देने की बात पर विचार किया जा सकता है।


नगर निगम चुनाव परिणाम आए 15 दिन हो गए हैं। 25 जुलाई को पुष्यमित्र भार्गव के महापौर चुने जाने का गजट में नोटिफिकेशन भी हो गया। उसके मुताबिक 15 दिन में सभापति सहित महापौर और पार्षदों को शपथ लेना है। उस हिसाब से अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भार्गव व पार्षदों को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की मौजूदगी में शपथ दिलाई जाएगी तो अब जल्द ही सभापति और एमआईसी के सदस्यों का भी चयन होना है। भाजपा के हलकों में इसको लेकर गतिविधि तेज हो गई है।


सभापति किसको बनाया जाए, इसको लेकर अंदरखाने नाम पर विचार किया जा रहा है। ऐसे नाम की तलाश की जा रही है, जो सबसे पहले नगर निगम की गतिविधियों का जानकार हो। दूसरा, गंभीर व वरिष्ठ होने के साथ में मजबूत भी हो। जिसके बोलने का भाजपा तो ठीक कांग्रेस के पार्षद भी सम्मान करें। इसके साथ में पार्टी सोशल इंजीनियरिंग भी कर सकती है। इन सभी पैमानों पर चंद नाम ही निकलकर सामने आ रहे हैं, जिसमें सबकी निगाह एक और दो नंबर विधानसभा पर ही जाकर टिक रही है। उन नामों को लेकर भाजपा की कोर कमेटी जल्द ही बैठने जा रही है।

ये सामने आया गणित

विधानसभा-1

सबसे मजबूत व गंभीर नाम निरंजन सिंह चौहान का है। पार्टी उन पर दांव खेल सकती है। विधानसभा तो ठीक पूरे शहर में चौहान की पकड़ एक जैसी है। कांगे्रस नेता भी उनका नाम आदर से लेते हैं। इसके अलावा सबसे बड़ी बात निगम चुनाव में राजपूत समाज की भारी अवहेलना हुई है। भाजपा ने सिर्फ तीन टिकट दिए थे , जबकि तीन लाख से ज्यादा क्षत्रिय मतदाता हैं। समाज को साधने के लिए उनके नाम पर दांव खेला जा सकता है। दूसरा नाम कमल वाघेला का है, जो संघ और संगठन की पसंद हैं। गंभीरता के साथ मजबूत भी हैं।


विधानसभा-2
वहीं, बात करें दो नंबर विधानसभा की तो यहां से पूर्व में भी सभापति रहे राजेंद्र राठौर बड़ा नाम हैं, जिस पर राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय दांव खेलेंगे। ऐसा करके वे परिषद पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश करेंगे। दूसरा नाम मुन्नालाल यादव का है, लेकिन उतना गंभीर नहीं है। वहीं, विधायक रमेश मेंदोला की चली तो वे सुरेश कुरवाड़े का नाम सामने रख सकते हैं।


विधानसभा-5
उक्त दोनों ही विधानसभा से गेंद बाहर जाती है तो पांच नंबर में राजेश उदावत के नाम पर विचार किया जा सकता है। सारे पैमानों पर वे फिट बैठते हैं, लेकिन ये बात है कि विधायक महेंद्र हार्डिया की कमेटी में कितनी चलती है।



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