इंदौर. बागी होकर चुनावी मैदान में कई कांग्रेसी उतरे हैं। इनकी मान-मनौव्वल में शहर और प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारी लगे हुए थे ताकि बगावत करने वाले नेता मान जाए और पार्टी के घोषित प्रत्याशी के समर्थन में काम करने लगे। बावजूद इसके बगावत कर मैदान में उतरे नेता नहीं माने और मनाने पहुंचे पदाधिकारियों को चुनाव लडऩे की बात कहकर चलता कर दिया। अब कांग्रेस भी बागियों को नहीं मनाएगी और सीधे पार्टी से बाहर करेगी।
नगर निगम चुनाव में कांग्रेस से बगावत कर कई नेता मैदान में उतरे हैं। कोई नेता खुद चुनाव लड़ रहा तो कोई पत्नी और अन्य रिश्तेदार को चुनाव लड़वा रहा है। बागियों के मैदान में उतरने से पार्टी के घोषित प्रत्याशियों के लिए मुश्किल पैदा न हो जाए, इसके लिए जहां डैमेज को कंट्रोल करने के लिए विधानसभावार बनाई गई कमेटी में शामिल नेताओं को कांग्रेस ने काम पर लगाया। वहीं शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और प्रदेश कांग्रेस सचिव राजेश चौकसे बागियों को मनाने के लिए घर तक गए। वार्ड से दावेदारी करने के बावजूद पार्टी से टिकट न मिलने पर बगावत कर चुनाव लडऩे वाले नेताओं की खूब मान-मनौव्वल की गई, लेकिन वे नहीं माने और मनाने पहुंचे नेताओं को चलता अलग कर दिया।
कल अंतिम बार बागियों को मनाने के लिए कांग्रेस नेता पहुंचे पर वे पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में नहीं बैठे। इस पर शहर अध्यक्ष बाकलीवाल ने फैसला लिया है कि अब किसी बागी नेता को नहीं मनाया जाएगा और कार्रवाई कर सीधे 6 वर्ष के लिए पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा। कार्रवाई के लिए नामों की सूची अनुशासन समिति को सौंप दी जाएगी। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लडऩे वाले नेताओं को जितने के बाद पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा, क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मनाने पर यह नहीं माने। इसके अलावा चुनाव के दौरान सेबोजेट करने वाले नेताओं पर भी नजर रखकर कार्रवाई की जाएगी।
यह हैं कांग्रेस के बागी
- वार्ड 2 में फातिमा रफीक खान ।
- वार्ड 19 में अशोक जाधव की पत्नी।
- वार्ड 51 में संतोष यादव ।
- वार्ड 55 में क्षमा मुकेश जैन ।
- वार्ड 26 में विकास जाटवा।
- वार्ड 56 में धनराज घाटे ।
- वार्ड 39 में तस्लीम वाहिद अली ।
- वार्ड 41 में विधायक सज्जन सिंह वर्मा के भतीजे जय वर्मा।
- वार्ड 85 में रविकांत मिश्रा।
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