Indore News : कमल नाथ की नई गाइड लाइन से संकट में कांग्रेस नेता

इंदौर. नगर निगम चुनाव में पार्षद प्रत्याशी टिकट को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने नई गाइड लाइन जारी कर दी। इससे इंदौर नगर निगम चुनाव प्रत्याशी चयन समिति संकट में आ गई है, क्योंकि समिति ने शहर के 85 में से 20 वार्ड में स्थायी के बजाय बाहरी को चुनावी मैदान में उतारने के लिए नाम तय कर रखे हैं। अब समिति की कल हो रही बैठक में जहां उम्मीदवारों पर विचार होगा, वहीं कई वार्डों में चुनाव लड़ने वाले नेताओं के समीकरण गड़बड़ा गए हैं।

प्रदेशाध्यक्ष के इस फैसले से कांग्रेस के स्थायी और आम कार्यकर्ता काफी खुश हैं, क्योंकि वार्ड से दावेदारी करने के बावजूद बाहरी बड़े नेताओं की वजह से उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। अब देखना यह है कि नाथ की नई गाइड लाइन का कितना पालन होता है, क्योंकि कांग्रेसियों का कहना है कि पहले भी कई बार गाइड लाइन बनी पर पालन नहीं हुआ।

कांग्रेस प्रत्याशी उन्हें ही बनाया जाए जो व्यक्ति जिस वार्ड में रहता है व उसी वार्ड का मतदाता हो। किसी भी उम्मीदवार का वार्ड परिवर्तन नहीं किया जाए। यह गाइड लाइन कल नाथ के आदेश पर संगठन प्रभारी सीपी शेखर ने जारी की और इसको लेकर पत्र शहर व जिला कांग्रेस अध्यक्षों को भेज दिया।

पार्षद प्रत्याशियों के टिकट को लेकर ऐन वक्त पर जारी हुई नई गाइड लाइन ने समीकरण गड़बड़ा दिए हैं, क्योंकि 20 वार्ड ऐसे हैं, जहां दूसरे वार्ड के कांग्रेस नेताओं ने चुनाव लडऩे की तैयारी कर रखी है। इसमें पूर्व पार्षद भी शामिल हैं। इससे चयन समिति भी संकट में है, जिसने इन 20 वार्डों में सिंगल नाम तय कर दिए थे। अब फिर से नामों पर विचार कर पैनल बनाना होगी।

रास्ता निकालेंगे

इधर, प्रत्याशी चयन समिति अध्यक्ष विनय बाकलीवाल का कहना है कि कल बैठक रखी गई। इसमें नई गाइड लाइन पर विचार किया जाएगा। अगर किसी वार्ड में बाहरी नेता जीतने की स्थिति में है तो उसके नाम पर विचार कर कुछ न कुछ रास्ता निकाला जाएगा। जीतने वाले उम्मीदवार को लेकर नाथ से भी बात की जाएगी। इस पर समहति बनी तो ठीक वरना नई गाइड लाइन का पूरा पालन कर समिति में फिर से नामों पर विचार कर प्रत्याशी तय किए जाएंगे।

Indore News : कमल नाथ की नई गाइड लाइन से संकट में कांग्रेस नेता

कई पूर्व पार्षदों का बिगड़ा गणित

नई गाइड लाइन के कारण पांच बार के पार्षद रहे छोटे यादव से लेकर नेता प्रतिपक्ष रहे अभय वर्मा तक का गणित गड़बड़ा गया है। यादव जहां वार्ड 51 से टिकट मांग रहे हैं, वहीं वर्मा 54 से दावेदारी कर रहे और रहते वार्ड 61 में हैं। पूर्व पार्षद चिंटू चौकसे वार्ड 22 में रहते हैं, लेकिन दावेदारी वार्ड 21 से कर रहे हैं। वार्ड 22 से राजू भदौरिया टिकट मांग रहे हैं। पूर्व पार्षद अरविंद बागड़ी वार्ड 64 से तैयारी कर रहे हैं, जबकि उनका एक घर वार्ड 62 में और दूसरा घर बिचौली के वार्ड में आता है। पूर्व पार्षद अनवर दस्तक का घर वार्ड 58 में आता है, लेकिन दावेदारी वार्ड 8 से कर रहे हैं। इनके साथ ही विनोद चौकसे, राकेश सिलावट, शैलेष गर्ग, अन्नू पटेल, शैलू सेन और संतोष वर्मा आदि के समीकरण भी बिगड़ गए हैं। वार्ड-71 में नीतू शर्मा, प्रीति कुंवर, वार्ड-76 में सचिन सिलावट, वार्ड-67 में अर्चना राठौर, वार्ड-17 में शिवम केके यादव, वार्ड-9 में लवेश जायसवाल और वार्ड-14 में महावीर जैन आदि के टिकट पर भी असर पड़़ेगा। ये सभी कांग्रेस नेता और नेत्रियां दूसरे वार्ड में रहकर दूसरे वार्ड से टिकट की दावेदार कर रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों हुए वार्ड आरक्षण के बाद कई कांग्रेस नेताओं के चुनाव लडऩे के अरमान ठंडे हो गए थे, क्योंकि आरक्षण में वार्ड बदल गए। ऐसे में नेताओं ने दूसरे वार्डों से चुनाव लडऩे का फैसला लेकर दावेदारी पक्की की, लेकिन अब नई गाइड लाइन मुसीबत बन गई है।



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