टिकट तय करने के लिए बैठेंगी भाजपा की संभागीय समिति

इंदौर। इंदौर नगर निगम के 85 वार्डों में पार्षद के टिकटों को लेकर मंथन चल रहा है। आज एक, राऊ, देपालपुर और सांवेर के वार्डों पर बात होगी। तीन-तीन नाम की पेनल बनाई जाएगी। कल दो, तीन और चार नंबर की बैठक होगी ताकि 14 जून को होने वाली संभागीय समिति में पैनल को रखा जा सके।

नगर भाजपा की कोर कमेटी में तय किया गया है कि तीन नामों की पैनल बनाई जाएगी जिसे संभागीय समिति को सौंपा जाएगा। इस पर नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे और प्रभारी तेजबहादुर सिंह लगातार काम कर रहे हैं। दो दिन पहले पांच नंबर विधानसभा के वार्डों की पैनल बनकर तैयार हो गई है। आज सुबह से बैठक का सिलसिला शुरू होने जा रहा है जिसमें पहली बैठक राऊ विधानसभा की रखी गई है। उसके बाद एक नंबर, सांवेर और देपालपुर की बारी आएगी। राऊ में पूर्व विधायक व प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती व मधु वर्मा के साथ में बैठक होगी। सोमवार को दो, तीन और चार नंबर विधानसभा का नंबर रहेगा। गौरतलब है कि 14 जून को संभागीय चयन समिति की बैठक बुलाई गई है जिसमें संयोजक मधु वर्मा की अगुआई में सभी सदस्य बैठेंगे। चर्चा के दौरान सिंगल नाम तय करने का प्रयास किया जाएगा।

संगठन के निर्देश अनुसार पहले नंबर पर जिसका नाम रहेगा वह सबसे मजबूत दावेदार है। उसके आधार पर संभागीय चयन समिति भी फैसला करेगा। हालांकि चयन समिति संगठन के फीडबैक को भी नजरअंदाज नहीं करेगी, €योंकि कई बार ऐसा भी होता है कि विधायक अपने समर्थक को टिकट दिलाने के लिए अड़ जाते हैं, जबकि परिस्थितियां विपरीत होती हैं। ऐसे में स्थानीय संगठन की बात को भी तबज्जो दी जाएगी। सोशल इंजीनियरिंग के साथ में संतुलन बनाने की ज्मिेदारी भी संभागीय चयन समिति की है।

विधायक की जिम्मेदारी
प्रदेश संगठन के निर्देश पर नगर भाजपा अध्यक्ष रणदिवे व प्रभारी सिंह ने मंडल अध्यक्ष और नगर पदाधिकारियों के अलावा दावेदारों से जुटाई गई जानकारी पर एक खाका खींचा है। एक-एक वार्ड का संगठन के पास डाटा तैयार हो गया जिसमें वार्ड की हर बारीक जानकारी भी आ गई। जिन वार्डों में सांसद, विधायक व अन्य नेता अपनी पसंद से टिकट देना चाहते हैं जो कि परिस्थिति से मेल नहीं खाता है।

इस पर स्थानीय संगठन उसे ठीक करने का प्रयास करेगा। इसके बावजूद भी नाम पहले पायदान पर रखवाया जाता है तो उस पर स्थानीय संगठन को कहा गया है कि वे जानकारी टीप डालकर प्रदेश संगठन को भेजें। चुनाव का परिणाम गड़बड़ाता है या कोई बड़ा बवाल होता है जिसका ठीकरा विधायकों या अन्य टिकट दिलाने वाले के माथे पर ही फूटेगा।



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