
इंदौर। पुरानी कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिखने लगते हैं। ठीक ऐसे ही हाल कल दीनदयाल भवन पर नजर आए जब संगठन ने पार्षद प्रत्याशियों की पहली बैठक बुलाई। उसमें 85 प्रत्याशियों में से 68 ही पहुंचे। जब गिनती हुई तो नगर अध्यक्ष भड़क गए तो कोई जनसंपर्क में व्यस्त तो कोई बैठक में शामिल
होने की कहानी बता रहा था। फटकार के बाद में सभी तुरत-फुरत पहुंचे।
नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है। कल सुबह मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की सभा के बाद महापौर प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव सहित 85 पार्षदों ने नामांकन दाखिल कर दिया। सभी पार्षदों को संगठन की रीति -नीति और चुनावी रणनीति समझाने को लेकर दीनदयाल भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी। वैसे तो बैठक का समय 8.30 बजे का तय किया था, लेकिन बाद में उसे बढ़ाकर 10.15 बजे कर दिया ताकि सभी अपना काम खत्म करके आ जाएं।
बैठक के शुरू होने पर नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने पूछा की सभी प्रत्याशी आ गए। इस पर खुलासा हुआ कि 68 ही आए हैं। ये देखकर रणदिवे नाराज हो गए। पूछा कि कौन-कौन नहीं आया है? तब नाम निकाले गए। सभी नगर पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे अपनी विधानसभा के प्रत्याशियों से संपर्क करें। साफ कर दें कि संगठन की बैठक को हलके में न ले, तुरंत आए। दो नंबर विधानसभा के एक प्रत्याशी को लगाया गया तो सामने से जवाब था कि वह जनसंपर्क में है तो कुछ ने कहा कि वे वार्ड के प्रमुख नेताओं की बैठक ले रहे हैं। ये सुनकर रणदिवे नाराज हो गए। उन्होंने साफ कर दिया कि जनसंपर्क कर रहे हो या बैठक सब कुछ छोड़कर आएं। संगठन सर्वपरि है। उसकी बैठकों हलके में नहीं लें। बोल दिया जाए कि आधी रात को भी बैठक होगी। ये संदेश मिलते ही दौड़ते-भागते प्रत्याशी पहुंचें। रात 12.30 बजे तक बैठक चली।
ये हमारा आखिरी चुनाव
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने चर्चा के दौरान पूछा कि पहली बार पार्षद का चुनाव लडऩे वाले कितने हैं तो 52 का नाम निकलकर सामने आया। दूसरी बार वालों का पूछा तो 13 की संख्या आई और बाद में तीसरी और चौथी बार का पूछा तो किसी ने हाथ नहीं खड़े किए। इस पर विजयवर्गीय ने चंदूराव शिंदे से बोला कि हाथ खड़े €यों नहीं कर रहे हो अब तो टिकट मिल गया है, डरने की €या बात है? शिंदे का कहना था कि पांचवां चुनाव है।
भाई साहब बस ये आखिरी चुनाव है। इसके बाद नहीं लड़ेंगे। तब विजयवर्गीय ने नगर अध्यक्ष रणदिवे की पीठ थपथपाई कहना था कि तुम्हारे कार्यकाल में अच्छा काम हुआ। कितने नए कार्यकर्ताओं को मौका मिला। इस बीच में बिजलपुर के प्रत्याशी ओपी आर्य पर निगाह पड़ी तो विजयवर्गीय बोले तुम तो दूसरी बार हो। तब आर्य का कहना था कि नहीं पहले मेरी पत्नी थी मैं तो पहली ही बार हूं। इस पर जमकर ठहाके लगे।
भाषा का रखें ध्यान
हिदायत दी गई कि प्रचार के दौरान भाषा का संयम रखना है, सोशल मीडिया का जमाना है। आपकी कोई
भी बात वायरल हो सकती है जो परिणाम को भी बदल सकती है। ऐसी कोई बात नहीं करना है कि किसी को
ठेस पहुंचे। हाथ जोड़कर विनम्रता से ही प्रचार करना है। बूथ की टोली को कम से कम तीन बार घर-घर दस्तक देने के निर्देश दिए गए।
पार्षद के पर्चे में महापौर अनिवार्य
नगर अध्यक्ष रणदिवे ने सभी पार्षद प्रत्याशियों को साफ कर दिया कि वे अपने पर्चे में महापौर प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव का फोटो अनिवार्य रूप से लगाएं। ऐसा नहीं करने वाले पर कार्रवाई भी की जा सकती है। भार्गव गली-गली नहीं घूम पाएंगे। एक दिन में पांच-छह वार्ड ही घूम पाएंगे। वह भी मेन रोड पर घर-घर उनका प्रचार आपको ही करना है।
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