इंदौर. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बहुमंजिला आवासीय इकाई में फ्लैट का निर्माण किया जा रहा है। जहां पर ड्रेनेज की पाइप लाइन नहीं है वहां पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण नगर निगम ने किया है। पहला एसटीपी देवगुराडय़िा के आगे शिवालिक परिसर में शुरू हो गया है। यहां एसटीपी पर साफ हो रहे ड्रेनेज के पानी से परिसर में ही पौधों की सिंचाई और अन्य उपयोग किया जा रहा है। शिवालिक परिसर के अलावा चार से पांच जगहों पर जल्द ही एसटीपी शुरू होंगे।
ड्रेनेज का पानी साफ कर उपयोग में लेने का काम निगम कर रहा है। अभी कान्ह-सरस्वती नदी और कबीटखेड़ी में बने एसटीपी पर पानी को साफ कर शहर के बगीचोंए, शौचालयों की धुलाई सडक़ और डिवाइडरों की सफाई करने में उपयोग किया जा रहा है। जल्द ही किसानों के खेत तक सिंचाई के लिए भी ट्रीट वाटर पहुंचेगा। ड्रेनेज के गंदे पानी को साफ कर उपयोग में लेने का काम अब प्रधानमंत्री आवास योजना में भी किया जा रहा है। योजना के तहत बनी आवासीय इकाई में से जिन जगहों पर ड्रेनेज की पाइप लाइन नहीं है वहां पर आधे से लेकर एक एमएलडी के एसटीपी प्लांट बनाए जा रहे हैं ताकि फ्लैटों में से निकलने वाले ड्रेनेज के गंदे पानी को पाइप लाइन के जरीए एसटीपी तक लाकर साफ किया जा सके।
निगम ने देवगुराडिय़ा स्थित शिवालिक परिसर सनावदिया स्थित नीलगिरि परिसर, ओमेक्स सिटी व सिलिकॉन सिटी स्थित पलाश परिसर-1, 2 और कनाडिय़ा रोड स्थित लाइट हाउस प्रोजेक्ट यानी गुलमर्ग परिसर में एसटीपी बनाए हैं। सिंदौड़ा रंगवासा के तापती परिसर में 3 एमएलडी का एसटीपी बनाया जाएगा। इन सभी जगहों पर ड्रेनेज पाइप लाइन न होने पर एसटीपी बनाया गया है। इससे फ्लैट में रहने वाले लोगों को ड्रेनेज की समस्या नहीं होगी। इधर, निगम ने देवगुराडिय़ा रोड स्थित शिवालिक परिसर में एसटीपी शुरू कर दिया है जो कि एक एमएलडी का है। यहां पर लोगों को फ्लैटों का पजेशन भी दे दिया गया है जो कि अब रहने लगे है। शिवालिक परिसर में शुरू हुए एसटीपी के पानी का उपयोग बगीचे में और अन्य कामों के लिए किया जा रहा है। अन्य परिसरों में भी इसी तरह ट्रीट वाटर का उपयोग किया जाएगा।
डाली जा रही नर्मदा की पाइप लाइन
शिवालिक, नीलगिरि, गुलमर्ग और ताप्ती परिसर में निम्न और कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए बहुमंजिला आवासीय इकाई में फ्लैट का निर्माण किया जा रहा है। शहर के आसपास बन रहे यह फ्लैट लोगों को आवंटित होने के साथ कब्जा देना भी शुरू कर दिया गया, लेकिन फ्लैट में नर्मदा का पानी नहीं आता। बोरवेल या फिर टैंकर के जरिए पानी की व्यवस्था करना पड़ती है। ऐसे में अब फ्लैट में रहने वाले लोगों को नर्मदा का पानी देने के लिए सम्पवेल बनाने के साथ पाइप लाइन डालने का काम किया जा रहा है। इससे 7 हजार से ज्यादा लोगों को फायदा मिलेगा। सम्पवेल बनाने और नर्मदा की लाइन बिछाने के टेंडर जारी हो गए हैं ताकि लोगों को जलसंकट का सामना न करना पड़े।
शहर में भी होगा उपयोग
प्रधानमंत्री आवास योजना के अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा का कहना है कि जहां पर ड्रेनेज लाइन नहीं है वहां एसटीपी बनाए गए हैं। इससे पानी ट्रीट होकर उपयोग में आएगा और लाइन न होने से ड्रेनेज की समस्या भी खत्म हो जाएगी। शिवालिक परिसर में एसटीपी शुरू हो गया है। यहां के ट्रीट वाटर का बगीचे में उपयोग किया जा रहा है। सभी जगह के एसटीपी शुरू होने के बाद अगर पानी की मात्रा अधिक रही तो फिर इसका उपयोग शहर में भी किया जाएगा। रही बात नर्मदा का पानी देने की तो टेंडर कर दिए हैं जो कि इसी महिने खुलेंगे और काम शुरू होगा।
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