Shani Transit 2022: शनि साढ़े साती की अवधि काफी लंबी होती है। हर व्यक्ति को अपने जीवन काल में शनि साढ़े साती का सामना करना ही पड़ता है। किसी के लिए शनि की ये दशा बुरी होती है तो किसी के लिए अच्छी। जिन लोगों की कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में होता है उनके लिए शनि साढ़े साती खूब फलदायी साबित होती है। वहीं जिनकी कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में होता है उन्हें जीवन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि अप्रैल में अपनी राशि बदलने जा रहे हैं। जानिए ये गोचर किस राशि वालों को शनि साढ़े साती से करेगा मुक्त।
क्या होती है शनि साढ़े साती? शनि साढ़े साती यानी शनि की साढ़े 7 साल की कालावधि। ज्योतिष अनुसार शनि सभी 12 राशियों में घूमने में करीब 30 साल का समय लेते हैं। ये एक राशि में करीब ढाई साल तक विराजमान रहते हैं। जब शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के बारहवें, पहले, दूसरे और जन्म के चंद्र के ऊपर से होकर गुजरे तो उसे शनि साढ़े साती कहते हैं। शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। इसके पहले चरण में शनि जातकों के आर्थिक जीवन पर प्रभाव डालते हैं, दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन को प्रभावित करते हैं और तीसरे चरण में सेहत पर असर डालते हैं।
2022 में शनि का राशि परिवर्तन कब? 29 अप्रैल को शनि मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश कर जायेंगे। जहां ये 29 मार्च 2025 तक विराजमान रहेंगे। इसी बीच कुछ समय के लिए शनि अपनी पिछली गोचर राशि मकर में वापस आ जायेंगे। मकर राशि में गोचर की अवधि 12 जुलाई 2022 से 17 जनवरी 2023 तक रहेगी।
2022 में किस राशि वालों को शनि साढ़े साती से मिलेगी मुक्ति? 29 अप्रैल 2022 में धनु वालों को शनि साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी। इस राशि वालों पर नवंबर 2014 से ही शनि साढ़े साती चली आ रही है। शनि की दशा से मुक्ति मिलते ही इस राशि वालों के अच्छे दिन शुरू हो जायेंगे। आर्थिक स्थिति में जबरदस्त सुधार देखने को मिलेगा।
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