यूक्रेन में 18 हजार से ज्यादा भारतीय फंसे, फ्लाइट रोकी गई तो कैसे लौटेंगे स्वदेश?

नई दिल्ली: रूस ने यूक्रेन पर हमला (WAR ON UKRAINE) बोल दिया है। युद्ध के समय बजने वाली सायरन की आवाजें टीवी चैनलों के जरिए भारत के घरों में सुनाई दे रही हैं। यूक्रेन के आसमान (Ukraine Crisis) में धुआं-धुआं देख वो भारतीय परिवार घबराए हुए हैं, जिनके बेटे-बेटियां वहां फंसे हुए हैं। रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि 18,000 से ज्यादा भारतीय अब भी यूक्रेन में हैं। 72 घंटे पहले यूक्रेन से भारतीयों को एयरलिफ्ट करने का ऑपरेशन शुरू किया गया लेकिन हमले शुरू होने के बाद इसे रोकना पड़ा है। आज सुबह ही खबर आई कि यूक्रेन (Ukraine Russia Conflict) के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की फ्लाइट वापस दिल्ली लौट रही है। दिल्ली में आज बड़ी बैठक हो रही है। इसके साथ ही रूसी भाषा बोलने वाले अधिकारियों को यूक्रेन और आसपास के देशों में भेजा जा रहा है। आइए समझते हैं कि यूक्रेन में फंसे भारतीय कैसे स्वदेश लौट सकते हैं और अभी क्या संभावनाएं बन रही हैं? आज भी लौटे 182 भारतीय इस बीच, कीव से यूक्रेन इंटरनेशनल एयर लाइंस का एक विमान सुबह 7.45 बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचा। एसटीआईसी ग्रुप के निदेशक अनुज ने बताया, ‘विमान में 182 भारतीय नागरिक हैं और उनमें से अधिकतर छात्र हैं...।’ दिल्ली में बड़ी बैठक, रूसी भाषा बोलने वाली अधिकारी भेजे जा रहे सूत्रों ने बताया है कि आज विदेश मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक हो रही है। रूस के हमले के बाद अब यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए विकल्पों पर चर्चा हो रही है। एयरस्पेस बंद किए जाने के बाद दूसरे वैकल्पिक रास्ते खोजे जा रहे हैं। इसके साथ-साथ रूसी भाषा बोलने वाले अधिकारियों को यूक्रेन में हमारे दूतावास भेजा गया है। उधर, यूक्रेन से सटे देशों में भी रूसी भाषा बोलने वाले कर्मचारियों को तैनात किया जा रहा है। भारत सरकार के सूत्रों ने साफ किया है कि यूक्रेन में हमारा दूतावास अब भी काम कर रहा है और उसकी ओर से जारी की जाने वाली एडवाइजरी का नागरिकों को पालन करना चाहिए। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने लड़ाई छिड़ने के बाद अपने नागरिकों को सलाह दी है कि कीव की तरफ यात्रा करने वाले लोग फिलहाल अपने-अपने शहरों की ओर लौट जाएं। इससे पहले, एयर इंडिया की फ्लाइट AI1947 ने मंगलवार को नई दिल्ली से कीव के लिए उड़ान भरी थी। खतरनाक माहौल में 250 से ज्यादा भारतीयों को स्वदेश लाया गया। 256 सीटों वाले बोइंग 787 ड्रीमलाइनर भारतीयों को लेने गया था। इस हफ्ते में आज यानी गुरुवार और शनिवार को दो और फ्लाइटें जाने वाली थीं लेकिन अब हमले शुरू होने के बाद इसे रोकना पड़ा है। वैसे, कीव स्थित भारतीय मिशन ने कई दिन पहले से भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी करनी शुरू कर दी थी। हालांकि अब भी वहां भारतीय फंसे हुए हैं। अगर फ्लाइट रूट देखें तो नई दिल्ली से यूक्रेन जाने वाले प्लेन पाकिस्तान, ईरान के आसमान से होकर जाते हैं। यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध छिड़ने के बाद भारत सरकार की प्राथमिकता अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने की है। एयर स्पेस बंद किए जाने के बाद भारत अपने नागरिकों को निकालने के विकल्पों पर विचार कर रहा है। भारतीय मिशन लगातार नई दिल्ली के संपर्क में है। नई दिल्ली से कीव के बोरिस्पिल इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर उतरने में एयर इंडिया के प्लेन को 8 घंटे का समय लगा। विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने एक दिन पहले कहा था कि यूक्रेन से भारतीयों को लाने के लिए और फ्लाइट चलाई जा सकती हैं लेकिन अब युद्ध छिड़ने के बाद हालात बदल गए हैं। समझा जा रहा है कि कीव में हालात बिगड़े तो बमबारी से कम प्रभावित क्षेत्र में प्लेन उतारकर लोगों को एयरलिफ्ट किया जा सकता है। एक दूसरा विकल्प पास के किसी देश में प्लेन उतारने का भी है। अगर युद्ध आगे बढ़ता है और कुछ दिनों में हालात नहीं सुधरते हैं तो भारत यूक्रेन से सटे हुए पड़ोसी मुल्क Moldova या ऐसी जगह भारतीयों को इकट्ठा करके निकाल सकता है जहां बमबारी न हो रही हो। हालांकि यह फैसला सरकार के स्तर पर लेना है और इस बाबत दिल्ली में मंत्रणा जरूर चल रही होगी। इस फैसले में यूक्रेन सरकार और रूस को भी जानकारी देनी होगी और उनसे आश्वासन लेना होगा। बंकर में हैं भारतीय फिलहाल, वहां फंसे भारतीयों को बंकर में ले जाया गया है। उत्तराखंड में टिहरी के रहने वाले एक शख्स ने बताया कि उनका बेटा यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। 26 फरवरी को उसकी नई दिल्ली के लिए फ्लाइट थी। अब परिवार इस बात को लेकर आशंकित है कि फ्लाइट आ पाएगी या नहीं। अगले कुछ दिनों में स्थिति स्पष्ट हो सकती है। एक विकल्प संघर्षविराम के समय लोगों को निकालने का भी होता है। अंतरराष्ट्रीय दबाव में अगर रूस कुछ समय के लिए हमले रोकता है तो निर्धारित अवधि में भारत समेत दुनियाभर के देश अपने नागरिकों को निकालने के लिए स्पेशल फ्लाइट चला सकते हैं। वैसे भी रूस ने दावा किया है कि वह नागरिकों को निशाना नहीं बना रहा है।


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