लंदन चीन और पाकिस्तान की बढ़ती पनडुब्बी ताकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने परमाणु ऊर्जा से चलने वाली अपनी महाविनाशक पनडुब्बी को चुपके से लॉन्च कर दिया है। यह अरिहंत श्रेणी की तीसरी परमाणु पनडुब्बी है। इस पनडुब्बी को गत 23 नवंबर को भारत के विशाखापत्तनम स्थित गोपनीय शिप बिल्डिंग सेंटर से लॉन्च किया गया है। बताया जा रहा है कि यह भारतीय पनडुब्बी करीब 7 हजार टन की है जो अब तक बनी दो अन्य पनडुब्बियों से ज्यादा है। ब्रिटेन स्थित जेंस डिफेंस वीकली ने सैटलाइट तस्वीरों के आधार पर भारत के तीसरे परमाणु पनडुब्बी को लॉन्च करने का खुलासा किया है। रक्षा मामलों की इस पत्रिका ने बताया कि S4 कही जा रही, इस पनडुब्बी को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया गया है। यह सबमर्सिबल बलिस्टिक न्यूक्लियर सबमरीन (SSBN) अरिहंत श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी है। इससे पहले आईएनएस अरिघात और आईएनएस अरिहंत को लॉन्च किया जा चुका है। 8 K-4 सबमरीन लॉन्च बलिस्टिक मिसाइल ले जा सकती है S4 पत्रिका ने कहा कि एस4 पनडुब्बी अपनी पूर्ववर्ती दो अन्य पनडुब्बियों की तुलना में थोड़ा बड़ी है और यह 7 हजार टन की है। आईएनएस अरिहंत 6 हजार टन की है। एस4 पनडुब्बी में 8 मिसाइल लॉन्च ट्यूब लगे हुए हैं, वहीं आईएनएस अरिहंत में इन मिसाइल ट्यूब्स की संख्या 4 थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह S4 परमाणु पनडुब्बी 8 K-4 सबमरीन लॉन्च बलिस्टिक मिसाइल ले जा सकती है जिसकी मारक क्षमता 3500 किमी बताई गई है। वहीं इस पर 24 के-15 मिसाइल को तैनात किया जा सकता है। भारत अभी के-4 मिसाइल का विकास कर रहा है और जल्द ही इसका परीक्षण किया जा सकता है। भारत की यह मिसाइल और पनडुब्बी पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद भारतीय नौसेना काफी दूरी से चीन और पाकिस्तान को निशाना बना सकती है। भारत परमाणु हमला होने की सूरत में चीन और पाकिस्तान पर समुद्र के जरिए भी परमाणु बम से जवाबी हमला कर सकता है। इस मिसाइल को भारत के डीआरडीओ और परमाणु ऊर्जा विभाग ने मिलकर बनाया है। पनडुब्बी में 82.5 MW का लाइट वॉटर रिएक्टर लगाया गया इस सबमरीन को बनाने में भारतीय नौसेना और रूसी वैज्ञानिकों और तकनीकी कर्मचारियों ने मदद की है। भारत की योजना है कि इस तरह की 4 SSBN को नौसेना में शामिल किया जाए। यही नहीं, भारत के पास दो और परमाणु पनडुब्बी का विकल्प रहेगा। एस4 पनडुब्बी के परमाणु रिएक्टर को भी और ज्यादा बेहतर बनाया गया है। द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक इस पनडुब्बी में 82.5 MW का लाइट वॉटर रिएक्टर लगाया गया है।
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