अब आप आसानी से बेच सकेंगे अपनी संपत्ति, बदला गया नियम

इंदौर। अब विदेशों में रहने वाले भारतीय प्रदेश में अपनी संपत्ति आसानी से बेच सकेंगे। एनआरआइ को प्रदेश में संपत्ति बेचने में आ रही कठिनाई को दूर करते हुए सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है। दरअसल, वर्तमान में उपपंजीयक पॉवर ऑफ अटानी रजिस्टर्ड नहीं होने का हवाला देकर रजिस्ट्री करने से इनकार कर देते हैं, जिससे संपत्ति मालिक को उपस्थित होना पड़ता था। लेकिन, अब उपपंजीयक को अपंजीकृत पॉवर ऑफ अटार्नी के आधार पर रजिस्ट्री स्वीकार करना होगी। महानिरीक्षक पंजीयक ने कानूनी वैधता के आधार पर यह स्पष्टीकरण जारी किया है। सरकार ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया तो ऑनलाइन कर दिया, लेकिन नियमों को इसके अनुरूप नहीं किया।

पंजीयन अधिनियम के अनुसार रजिस्ट्री के लिए संपत्ति से उपपंजीयक के समक्ष मौजूद रहना होता है। डिजिटल या ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद लोग संबंधित देश की प्रक्रिया के आधार पर किसी व्यक्ति के नाम पॉवर ऑफ अटानी दे देते हैं। इसके आधार पर वह रजिस्टी अभिभाषक व्यवस्थापक समिति के. प्रमोद द्विवेदी का कहना है, प्रदेश में पॉवर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होता है। विदेशों में यह प्रावधान नहीं होते। कानूनी अर्हताएं पूरी करने के बाद भी कई बार उपपंजीयक रजिस्ट्री करने से इनकार कर देते हैं। कई मामले महानिरीक्षक पंजीयक तक पहुंचते थे। आइजी ने संज्ञान लेते हुए स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें असमंजस दूर किया गया है।

ये निर्देश दिए

-महानिरीक्षक पंजीयक ने जिला पंजीयकों को कहा है कि ऐसी स्थिति में पॉवर ऑफ अटानी धारक रजिस्ट्री करवा सकता है। उसे यह पॉवर पंजीयन अधिनियम की धारा 33-1-जी के अनुसार स्टॉपित करवाना होगा।

-विदेश में रहने वाले संपत्ति मालिक किसी के पक्ष में नोटरी, कोर्ट, न्यायाधीश, मजिस्ट्रेट भारतीय काउंसिल या उप काउंसिल या केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के समक्ष निष्पादित पॉवर ऑफ अटानी धारा-32 के तहत स्वीकार की जा सकती है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3COGttE
أحدث أقدم