इंदौर. लोगों के घरों में काम करने वाली महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से जुड़ी जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। जस्टिस सुजोय पॉल और जस्टिस अनिल वर्मा की युगल पीठ के समक्ष राज्य सरकार को जवाब पेश करना था, लेकिन सरकार के वकील ने समय मांग लिया है। कोर्ट ने दो सप्ताह में जवाब देने के आदेश दिए। कोर्ट ने पूछा, इंदौर सहित आसपास के जिलों में मुख्यमंत्री कामकाजी घरेलू महिला योजना का लाग क्यों नहीं मिल रहा है। उनके रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं किए जा रहे हैं। महिलाओं के परिचय पत्र क्यों नहीं बन रहे। कामकाजी ट्रेड यूनियन की तरफ से एडवोकेट शन्नो शगुफ्ता खान ने याचिका दायर की है।याचिका में उल्लेख है, प्रदेश सरकार ने 2009 में मुख्यमंत्री कामकाजी घरेलू महिला योजना लागू की। ऐसी महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया जाना था, जो घरों में कामकाज कर जीवनयापन करती हैं। रजिस्ट्रेशन कराने वाली महिलाओं और उनके बच्चों को योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे मानकर कई लाभ मिलना थे। शासन ने योजना तो लागू कर दी, लेकिन न महिलाओं के रजिस्ट्रेशन किए न उन्हें योजना का लाभ दिया गया।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3oCMRQw