
इंदौर. स्वच्छता अभियान के तहत जिला प्रशासन और नगर निगम ने आवारा पशुओं सहित पालतू पशुओं को भी शहर से बाहर कर दिया था। नगर निगम ने गाय-भैंसों के बाड़े भी तोड़ दिए थे, लेकिन बाहर से आने वाले भेड़, बकरियों, गाय-भैंसों को अंदर आने से रोकने के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इससे शहर का ट्रैफिक भी बिगड़ रहा है और पेड़-पौधों को भी नुकसान हो रहा है। इस मुद्दे पर दायर दो साल पुरानी जनहित याचिका पर जस्टिस सुजोय पॉल और जस्टिस अनिल वर्मा की युगल पीठ में शुक्रवार को सुनवाई हुई। शासन ने कहा, शहर के बाहर से आने वाले पुशओं को रोकने के लिए नगर निगम ने पर्याप्त व्यवस्थाएं की हैं। विभिन्न टीमों को जिम्मेदारी दी है, कहीं भी सड़कों पर आवारा पशु ना दिखाई दें। शासन के जवाब पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति पेश की है और शहर के विभिन्न स्थानों पर आवारा पशुओं के फोटो कोर्ट में पेश किए हैं। कोर्ट ने इस पर नगर निगम से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। महीने के अंत में याचिका पर अगली सुनवाई होगी। डूइंग नीडफुल एसोसिएशन ऑफ यंग पीपल प्लांटेशन ग्रुप के रूपेश शर्मा ने एडवोकेट गगन बजाड़ एवं अजय मिमरोट के माध्यम से यह याचिका दायर की है।
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