दिन में पढ़ाते थे शिक्षक, रात में करते थे तस्करी

इंदौर. तेंदुए की खाल की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। गिरोह में दो शिक्षक भी शामिल हैं। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स, वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और स्पेशल टास्क फोर्स (पुलिस) की टीम ने गिरोह से तेंदुए की खाल, 6 नाखून, 6 मोबाइल और दो वाहन भी जब्त किए गए।

गिरोह में कमलेश पिता सत्यनारायण निवासी राजगढ़, शिक्षक मगनसिंह पिता देवचंद निवासी रिंगोल (आलीराजपुर), इंदर पिता गिरधारी निवासी धार, भुरु पिता हेमंता निवासी मोरगा (आलीराजपुर), हेमंत पिता रिछु निवासी भुजबड़ी और शिक्षक रमेश पिता नाथू चौहान शामिल हैं। रमेश और मगन शासकीय स्कूल में शिक्षक हैं। ये दिन में बच्चों को पढ़ाते थे, रात में चार अन्य सहयोगियों के साथ वन्य प्राणियों का शिकार कर अंगों की तस्करी करते थे।

Must See:अधूरी सुविधाः पश्चिम रेलवे ने दी जनरल टिकट और एमएसटी की सुविधा

 

वनकर्मियों ने ग्राहक बनकर किया था खाल का सौदा
सूचना मिली थी कि एक गिरोह तेंदुए की खाल बेचने की फिराक में है। पुष्टि के लिए वन्यकर्मियों ने ग्राहक बनकर संपर्क किया और तेंदुए की खाल का सौदा किया। बीते सप्ताह एसटीएसएफ भोपाल के निर्देशन में कार्रवाई की रूपरेखा बनी। डिप्टी रेंजर व वन रक्षकों की टीम गुरुवार को इंदौर आई। इनमें से तीन वनकर्मी ग्राहक बनकर मिले। सौदा 50 लाख रुपए में हुआ। वनकर्मियों ने तस्करों को भरोसे में लेकर पेटलावद राजोद मार्ग पर मुलाकात तय की। गिरोह के सदस्य और वनकर्मी चर्चा कर रहे थे तब दो अन्य तस्कर आए और कार में बैठाकर खाल दिखाने लगे। तभी ग्राहक बने वनकर्मियों ने टीम को इशारा दिया और तस्करों को पकड़ लिया गया।

Must See: त्योहार पर घर जाना है, तो इन ट्रेन में जल्द कर लें टिकट खाली हैं सीट



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2Y6kGP6
أحدث أقدم