दुनिया के सबसे उत्‍तरी द्वीप की ग्रीनलैंड में दुर्घटनावश खोज, हैरत में आए वैज्ञानिक

ग्रीनलैंड धरती पर इंसानों के रहते हजारों साल बीत गए हैं लेकिन अभी तक सारे रहस्‍यों से पर्दा नहीं उठा है। अब दुर्घटनावश ग्रीनलैंड के पास दुनिया के सबसे उत्‍तरी द्वीप की खोज हुई है। इस द्वीप का दीदार करके वैज्ञानिक हैरत में हैं। इस द्वीप को ग्रीनलैंड के तट पर उस समय खोजा गया जब शोधकर्ता इस इलाके में नमूने इकट्ठा कर रहे थे। यहां पर बर्फ के छोटे से टुकड़े के पिघलने के कारण चट्टानी जमीन बाहर आ गई। यह सबसे उत्‍तरी द्वीप 30 मीटर चौड़ा है और अपने सबसे ऊंचाई वाले इलाके में 3 मीटर ऊंचा है। माना जा रहा है कि यह द्वीप समुद्री सतह पर पाए जाने वाले कीचड़, मिट्टी और चट्टानों से बना है। तैरने वाले ग्‍लेशियर के हटने की वजह से यह इलाका समुद्र से बाहर आ गया। ग्रीनलैंड के आर्कटिक स्‍टेशन शोध केंद्र के वैज्ञानिक पिछले महीने इस छोटे से द्वीप पर कदम रखने में सफल हुए थे। 'हमारा मकसद एक नए द्वीप की खोज करना नहीं था' इस स्‍टेशन के प्रमुख मोर्टेन रास्‍च ने कहा, 'हमारा मकसद एक नए द्वीप की खोज करना नहीं था। हम वहां पर केवल नमूने इकट्ठा करने गए थे। शोधकर्ताओं को पहले अनुमान था कि वे ओडाक द्वीप पहुंच गए हैं। इस द्वीप की खोज एक डेनमार्क के सर्वे टीम ने वर्ष 1978 में किया था। हालांकि बाद में उन्‍होंने अपने ठीक- ठीक स्‍थान का पता किया और पाया कि वे ओडाक द्वीप से 780 मीटर उत्‍तरी-पश्चिम में हैं। इस अभियान दल के लिए पैसा देने वाली क्रिस्चियन लेइस्‍टर ने कहा कि यह कुछ उसी तरह से था जैसे अन्‍य अभियान दल में होता है। उन्‍होंने सोचा था कि वे एक निश्चित स्‍थान पर उतरेंगे लेकिन वे वास्‍तव में पूरी तरह से अलग जगह पर पहुंच गए। शोधकर्ताओं के दल ने कहा कि इस द्वीप का नाम 'Qeqertaq Avannarleq' या 'सबसे उत्‍तरी द्वीप' होगा। लेइस्‍टर ने कहा कि उन्‍हें नहीं लगता है कि यह द्वीप जलवायु परिवर्तन की वजह से जमीन के पिघलने से सामने आया है। वैज्ञानिकों को डर है कि अभी यह भले ही समुद्र से ऊपर है लेकिन आने वाले समय में जलस्‍तर बढ़ने पर यह डूब जाएगा।


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