नई दिल्ली सरकारी कामों में देरी और उससे होने वाले नुकसान को लेकर पीएम मोदी बेहद खफा हैं। उन्होंने सरकारी विभागों को निर्देश दिया है कि ऐसी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की लिस्ट तैयार की जाए जिनमें कोर्ट या फिर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के फैसलों की वजह से देरी हो रही है। पीएम मोदी ने इन अटकी पड़ी परियोजनाओं के चलते सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान का ब्यौरा तैयार करने का भी निर्देश दिया है। पीएम मोदी ने यह निर्देश 37वीं प्रगति बैठक के दौरान दिया। रेल और सड़क से जुड़ी 8 परियोजनाओं की समीक्षा प्रगति बैठक के दौरान पीएम मोदी ने 8 इन्फ्रास्ट्र्क्चर परियोजनाओं- 6 रेल और सड़क परियोजनाओं (प्रत्येक में 3) और बिजली क्षेत्र से संबंधित दो परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। पीएम मोदी की तरफ से दखल इस बात के संकेत दे रही है कि सरकार परियोजनाओं में बाधाओं को दूर करने के लिए समन्वय के साथ कानूनी रास्तों का सहारा ले सकती है। सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान की लिस्ट तैयार हो बीते 25 अगस्त को हुई प्रगति बैठक के मिनट्स के मुताबिक, 'पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, रेलवे व सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालयों को कानून व न्याय मंत्रालय की सलाह के साथ भूमि अधिग्रहण, वन या अन्य संबंधित मामलों पर सम्मानीय कोर्ट, एनजीटी आदि की तरफ से सुनाए गए फैसलों की पहचान करनी चाहिए, जिनकी वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में देरी हो रही है। कैबिनेट सचिव को इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करनी चाहिए। कोर्ट के ऐसे फैसलों के चलते विलंबित परियोजनाओं की सूची और सरकारी खजाने को हुए नुकसान की लिस्ट भी तैयार की जानी चाहिए। रेल और सड़क सुरंगों को एक साथ बनाने पर हो फोकस आपको बता दें कि पूरे देश में कई ऐसी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं हैं जो भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय मुद्दों को लेकर कोर्ट में दाखिल याचिकाओं को चलते अटकी पड़ी हैं। इनमें उत्तराखंड में की चारधाम परियोजना यानी ऑलवेदर रोड भी शामिल है। पीएम मोदी ने रेल मंत्रालय को पहाड़ी क्षेत्रों में रेल सुरंगों की योजना और निर्माण करते समय एक ऐसे हाइब्रिड सिस्टम को विकसित करने का भी निर्देश दिया जिससे सड़क सुरंगों को भी एक साथ बनाया जा सके। परियोजनाओं में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की लिस्ट भी तैयार हो में पीएम मोदी ने कैबिनेट सचिव को विभिन्न सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के कारण पेंडिंग प्रोजेक्ट्स की एक हफ्ते के भीतर एक लिस्ट तैयार करने और उनकी पहचान करने के लिए भी कहा। समीक्षा बैठक में कहा गया, 'कैबिनेट सचिव को उन प्रोजेक्टस की लिस्ट तैयार करनी चाहिए जो काफी समय से पेंडिंग हैं और इस तरह की देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों, एजेंसियों या कर्मचारियों की पहचान करें। एक हफ्ते के भीतर ये लिस्ट पेश की जा सकती है।' परियोजनाओं को मोनेटाइज करके पैसा बनाने की कवायद सूत्रों ने बताया कि हालांकि इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को समय पर पूरा करना हमेशा से सरकार का फोकस रहा है, लेकिन पूरी की गई परियोजनाओं को मोनेटाइज करने के केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ यह और भी महत्वपूर्ण हो गया है। उदाहरण के लिए, 2025 तक 26,700 किलोमीटर पूरे किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों को मोनेटाइज करके 1.6 लाख करोड़ रुपये बनाने का अनुमान अगले 3 सालों में पूरा होने वाले हिस्सों पर आधारित है। सरकार ने बैठकों में लिए गए निर्णयों के संबंध में प्रगति की निगरानी के लिए मंत्रियों के एक इनफॉर्मल ग्रुप का भी गठन किया है।
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