इस्लामाबाद अफगानिस्तान में की बढ़ती हिंसा के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन से मुलाकात की है। यह मुलाकात इसलिए भी अहम बताई जा रही है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में खटास देखी जा रही थी। माना जा रहा है कि इमरान खान ने इसी खटास को दूर करने के लिए अपने सबसे खास और भरोसेमंद मोईद यूसुफ को वॉशिंगटन भेजा था। मोईद यूसुफ और जेक सुलिवन ने इससे पहले मार्च में जिनेवा में भी मुलाकात की थी। घंटो बाद दोनों पक्षों ने मुलाकात का किया खुलासा पाकिस्तानी एनएसए मोईद यूसुफ और उनके अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन ने अपनी मुलाकात का औपचारिक ऐलान कई घंटे बाद किया। यूसुफ ने अपने ट्वीट में कहा, आज वाशिंगटन में एनएसए जेक सुलिवन के साथ सकारात्मक फॉलोअप बैठक हुई। हमारी जिनेवा बैठक के बाद से हुई प्रगति का जायजा लिया और आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। यूसुफ ने यह भी कहा कि दोनों पक्ष पाकिस्तान-अमेरिका द्विपक्षीय सहयोग में गति को बनाए रखने के लिए सहमत हुए। पाकिस्तानी एनएसए ने तालिबान पर चर्चा को छिपाया पाकिस्तानी एनएसए ने बैठक में चर्चा किए गए मुद्दों में अफगानिस्तान का जिक्र नहीं किया लेकिन सुलिवन ने अपने ट्वीट का आधा हिस्सा अफगान मुद्दे को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि मैंने आज पाकिस्तान के एनएसए से क्षेत्रीय संपर्क और सुरक्षा और आपसी सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर परामर्श करने के लिए मुलाकात की। हमने अफगानिस्तान में हिंसा में कमी की तत्काल आवश्यकता और संघर्ष के लिए बातचीत के जरिए राजनीतिक समाधान पर चर्चा की। अमेरिका से आर्थिक सहायता फिर पाना चाहता है पाक पाकिस्तान इन दिनों मुफलिसी में जिंदगी गुजार रहा है। उसकी अर्थव्यवस्था पहले से ही खराब थी, बाकी बची कसर को कोरोना महामारी ने पूरा कर दिया। इसलिए पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मुईद यूसुफ अमेरिका के साथ संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव की कोशिशों को लेकर जेक सुलिवन से मुलाकात की है। इस उच्च स्तरीय बैठक में पाकिस्तानी और अमेरिकी एनएसए ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक बातचीत हुई है। ट्रंप ने 2018 में रोकी थी पाकिस्तान को आर्थिक मदद जहां तक अमेरिका के साथ रिश्तों की बात है तो पाकिस्तान अपने रुख में महत्वपूर्ण बदलाव कर रहा है। हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अमेरिका पाकिस्तान को आर्थिक सहायता फिर से शुरू करेगा कि नहीं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2018 में यह कहते हुए पाकिस्तान के साथ सभी सुरक्षा सहयोग निलंबित कर दिए थे कि वह आतंकवाद के खिलाफ इस्लामाबाद के सहयोग और लड़ाई में उसकी भूमिका से संतुष्ट नहीं है। पाक को अफगानिस्तान में इस्तेमाल करना चाहता है अमेरिका हाल में ही भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हमारे सहयोगी प्रकाशन टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में कहा था कि तालिबान पर पाकिस्तान का महत्वपूर्ण प्रभाव है और संयुक्त राज्य अमेरिका चाहता है कि इस्लामाबाद वह भूमिका निभाए। तालिबान के साथ अपने प्रभाव का उपयोग करने में पाकिस्तान की महत्वपूर्ण भूमिका है ताकि वह यह सुनिश्चित कर सके कि तालिबान देश को बलपूर्वक लेने की कोशिश न करे। इसका एक प्रभाव है और इसकी एक भूमिका भी है। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान इसे निभाएगा।
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