पेइचिंग अमेरिका और भारत के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए चीन अपने रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि 5 मार्च को संसद के सत्र में रक्षा बजट में बढ़ोतरी का ऐलान किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन रक्षा बजट में करीब 7 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। चीन अपने रक्षा बजट में यह वृद्धि समय पर करने जा रहा है जब दुनिया कोरोना वायरस की मार से जूझ रही है और मंदी की आशंका बढ़ती जा रही है। चीनी मामलों के विशेषज्ञ रॉस बबाजे ने रॉयटर्स से कहा कि चीन का रक्षा बजट करीब 7 फीसदी बढ़ सकता है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि चीन अपने रक्षा बजट में इससे ज्यादा वृद्धि कर सकता है लेकिन रॉस कहते हैं कि कोरोना वायरस चीन को 7 फीसदी से ज्यादा रक्षा बजट बढ़ाने से रोकेगा। चीन का अमेरिका के साथ ताइवान को लेकर कई वर्षों से विवाद चल रहा है लेकिन पिछले कुछ महीने से यह काफी बढ़ गया है। 'अमेरिका की बादशाहत को खत्म करना चाहता है चीन' यही नहीं चीन का अमेरिका के साथ हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र पर हमले को लेकर और दक्षिण चीन सागर में सैन्य विवाद बढ़ गया है। यही नहीं चीन और भारत के बीच भी पूर्वी लद्दाख में अभी तनाव चल रहा है। चीन ने कोरोना वायरस की मार के बीच पिछले साल अपने रक्षा बजट में 6.6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी। इस बीच कई विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि चीन अपने सैन्य खर्च का सही-सही आंकड़ा नहीं देता है। चीनी सेना से रिटायर हो चुके सीनियर कर्नल वांग शियांगसुई कहते हैं कि अमेरिकी सेना परमाणु हथियार और अंतरिक्ष में अपनी बादशाहत को कायम रखना चाहती है और चीन इसे बिगाड़ना चाहता है। चीन ऐसे समय पर अपने रक्षा बजट को बढ़ा रहा है जब खबर आई है कि वह अपने मिसाइल ट्रेनिंग एरिया को बहुत बड़े पैमाने पर विकसित कर रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीनी सेना इस एरिया में मिसाइलों को रखे जाने वाले स्टोरेज कंटेनर्स (साइलो), सुरंग और सपोर्ट फैसिलिटी का विस्तार कर रहा है। चीन कम से कम 16 मिसाइल साइलो का निर्माण कर रहा चीन की इन तैयारियों से यह अंदेशा जताया जा रहा है कि वह आने वाले दिनों में अपनी मारक क्षमता को बढ़ाने और दुश्मनों पर हावी होने के लिए मिसाइलों को मुख्य हथियार बनाएगा। चीन के पास कई ऐसी घातक मिसाइलें हैं जिनका तोड़ अमेरिका के पास भी नहीं है। चीन कम से कम 16 साइलो का निर्माण कर रहा है। इन तस्वीरों से यह भी पता चला है कि वह मिसाइल लॉन्चिंग की नई फैसिलिटी और लोडिंग ऑपरेशन को छिपाने के लिए सुरंगे बना रहा है। इनर मंगोलिया प्रांत के जिलंताई शहर के पूर्व में स्थित इस प्रशिक्षण क्षेत्र में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना रॉकेट फोर्स (PLARF) अपने मिसाइल क्रू को ट्रेनिंग देती है। इसमें ट्रक या ट्रेन के ऊपर लगीं मिसाइलें और सपोर्टिंग गाड़ियां शामिल होती हैं। जिलंताई ट्रेनिंग एरिया रेगिस्तानी और पहाड़ी क्षेत्र को मिलाकर कुल 2,090 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। इसकी इसकी लंबाई लगभग 140 किलोमीटर के आसपास है।
from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/3uKR1qc