नई दिल्ली/ढाका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर बांग्लादेश गए हैं। शुक्रवार को उन्होंने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती समारोह में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में मोदी का भाषण सुनने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने दावा किया कि पीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर कहा कि मोदी ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में इंदिरा गांधी की भूमिका को कभी स्वीकार नहीं किया। मुखर्जी ने अपने पिता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जिक्र न होने की भी बात कही। जबकि पीएम मोदी ने ढाका के नैशनल परेड स्क्वायर में अपने संबोधन के दौरान इंदिरा के योगदान को जरूर याद किया था। मोदी ने कहा कि "बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम को भारत के कोने-कोने से, हर पार्टी से, समाज के हर वर्ग से समर्थन प्राप्त था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के प्रयास और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका सर्वविदित है।" कांग्रेस नेताओं ने क्या आरोप लगाए?INC प्रवक्ता मनीष तिवारी ने शुक्रवार सुबह ट्वीट किया कि यह देखना होगा कि क्या प्रधानमंत्री 1947 के बाद दक्षिण एशिया का मानचित्र बदलने में इंदिरा गांधी के योगदान को स्वीकार करते हैं या नहीं। मोदी ने अपने भाषण में कहा कि 1971 में इंदिरा गांधी ने क्या योगदान दिया, यह सबको पता है। इसके बावजूद कांग्रेस के ही जयराम रमेश ने लिखा, "दुखद है कि हमारे प्रधानमंत्री इसे स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन 1971 के ऐतिहासिक घटनाक्रम में इंदिरा गांधी का महत्वपूर्ण योगदान था, उनके साथ पीएन हसकर भी थे। मैंने इसे जबर्दस्त जुगलबंदी के बारे में लिखा है जिसका भारत और पूरे उपमहाद्वीप पर इतना असर हुआ।" पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत ने लिखा, "आज पीएम मोदी बांग्लादेश की स्वतंत्रता के 50 वर्ष का समारोह मनाने गए! क्या उन्होंने कभी हमारी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और मेरे पिता स्वर्गीय श्री प्रणब मुखर्जी की भूमिका को स्वीकार किया? शायद इसलिए नहीं क्योंकि उनका अपना राजनीतिक एजेंडा है जिसे पूरा करने के लिए वह बेचैन हैं।" मुखर्जी ने आरोप लगाते हुए कहा, "मेरे पिता की मौत के बाद मैंने उनकी याद में एक पोस्टेज स्टैम्प जारी करने की गुजारिश की थी लेकिन उन्होंने (मोदी) दरकिनार कर दिया। अब पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान वो (मोदी) गुरुदेव और बंगाल की अन्य बड़ी हस्तियों के पीछे दौड़ रहे हैं। कोई गलतफहमी न रहे, यह केवल आभासी प्रेम है जो जल्द गायब हो जाएगा।" मोदी ने अपने संबोधन में क्या कहा? सोनिया के बधाई संदेश में इंदिरा का जिक्रकांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती के अवसर पर जो संदेश जारी किया, उसमें भी इंदिरा गांधी के योगदान को याद किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश के लोगों के साथ भारत के लोगों का विशेष संबंध रहा है...इसकी एक वजह 1971 के ऐतिहासिक घटनाक्रम में इंदिरा गांधी की ओर से निभाई भूमिका तथा उनके और बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के बीच साझा की गई मित्रता और परस्पर सम्मान है। सोनिया ने कहा कि मुक्ति संग्राम के बाद इंदिरा गांधी एक राजनेता के तौर पर सामने आईं तो शेख मुजीबुर्रहमान भी वैश्विक स्तर पर एक नेता तौर पर उभरे। उन्होंने 1971 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बहू के तौर पर बांग्लादेश की आजादी से जुड़े घटनाक्रमों का गवाह रहने के बारे में उल्लेख किया और कहा, ‘‘मैं बांग्लादेश के लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देती हूं।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने भी बांग्लादेश के लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और इंदिरा गांधी के योगदान का जिक्र किया।
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