फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को हिंदू पंचांग के अनुसार भैया दूज के नाम से जाना जाता है। यह त्यौहार भाई और बहन के प्रेम को दर्शाता है। भाई बहन के प्रेम का यह त्यौहार साल में दो बार पहली बार होली के बाद तो दूसरी बार दिवाली के बाद मनाया जाता है। ऐसे में इस साल भी भाई दूज का यह त्यौहार होली के अगले दिन यानि 30 मार्च,मंगलवार को मनाया जाएगा।
दरअसल होली का त्योहार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को होता है। इस दिन जहां बहनें भाइयों को तिलक कर नकी लंबी आयु की कामना के लिए पूजा और व्रत करती हैं, वहीं वे उनके सुखद एवं निरोगी जीवन की कामना भी करती हैं। जबकि, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं। होली भाई दूज का पर्व बहनों और भाई के बीच प्रेम का पर्व है।
मान्यता है कि होली के ठीक अगले दिन बहनें आपके भाई को तिलक करके उनके जीवन से सभी कष्टों और परेशानियों को मुक्त करने की कामना करती हैं।
भाई दूज के इस त्यौहार का यही महत्व होता है कि, इस दिन जहां बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है वहीं भाई हमेशा अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं। कहा जाता है कि होली के ठीक अगले दिन बहनें आपके भाई को तिलक करके उनके जीवन से सभी कष्टों और परेशानियों को मुक्त करने की कामना करती हैं।
होली भाई दूज शुभ मुहूर्त-
द्वितीया तिथि प्रारम्भ – मार्च 29, 2021 को 08 बजकर 54 मिनट (रात) बजे
द्वितीया तिथि समाप्त – मार्च 30, 2021 को 05 बजकर 27 मिनट (शाम) बजे
आज के मुहूर्त...
अभिजित मुहूर्त- 11:48 AM से 12:38 PM तक।
विजय मुहूर्त- 02:17 PM से 03:06 PM तक।
गोधूलि मुहूर्त 06:12 PM से 06:36 PM तक।
अमृत काल 06:41 AM से 08:06 AM तक।
द्विपुष्कर योग- 06:02 AM से 12:22 PM तक।
होली भाई दूज की पूजा विधि : क्या करें व क्या न करें...
आज के दिन बहनें स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ कपड़े पहने के बाद अपने भाई को भोजन का संदेशा भेजती है। इसके बाद भाई के आगमन पर उनका स्वागत करती है।
फिर उनको एक आसन पर बैठाकर उनके माथे पर तिलक लगाने के साथ ही उनका मुंह मीठा कराती है। साथ ही भगवान से उनके सुखी जीवन की कामना करती हैं। और फिर भोजन कराती हैं।जबकि भाई अपनी बहन को उपहार देकीर और उनकी रक्षा का प्रण लें।
ध्यान रहे भाई दूज के दिन कुछ काम हमें भूल से भी नहीं करना चाहिए...
: भाई दूज पर्व पर कभी भी भाइयों को अपने घर पर भोजन नहीं करना चाहिए, इस दिन का भोजन हमेशा अपनी बहन के घर जाकर ही करें। यदि किसी कारण वश आप उनके साथ भोजन नहीं कर सकते हैं तो कोशिश करें और गाय के नजदीक बैठकर इस दिन भोजन करें।
: भाई दूज के दिन आपकी बहन से कोई झूठ ना बोलें।
: भाई दूज के दिन बहन के बनाए गए भोजन का गलती से भी अपमान न करें। वहीं बहनें भी भाई द्वारा दिए गए तोहफे का अपमान न करें।
: इस दिन अपनी बहन या भाई के साथ झगड़ा बिल्कुल भी ना करें।
: भाई दूज के दिन मांस मदिरा से बचें।
: भाई दूज के दिन जो बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं वे तिलक से पहले कुछ भी न खाएं। साथ ही तिलक लगाने के बाद भाई को कुछ मीठा अवश्य खिलाएं।
होली दूज का धार्मिक महत्व
जिस प्रकार से दीपावली के एक दिन बाद भाई दूज मनाकर भाई की लंबी उम्र के लिए कामना की जाती है और उसी प्रकार होली के बाद दूसरे दिन भाई का तिलक करके बहनें भाई दूज मनाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, भाई दूज वाले दिन यमराज हर वर्ष अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर जाते हैं।
उन्होंने यमुना को आशीष दिया था कि भाई दूज वाले दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाएगा, तिलक लगवाएगा और भोजन ग्रहण करेगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और उसे कभी यम का भय नहीं होगा।
ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भाई-बहन सभी प्रकार के संकटों से बचाया जा सके। शास्त्रों में यह भी मान्यता है कि होली के अगले दिन भाई को तिलक करने से सभी प्रकार की विपत्तियों से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
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