सूर्यदेव की ऐसे करें पूजा मिलेगी सफलता, जल चढ़ाने के महत्व से लेकर किस्मत बदलने तक

नई दिल्ली। सूर्य को हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार ब्रह्मांण की आत्मा माना गया है। सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा और ईश्वर का नेत्र बताया गया है। रविवार को सूर्यदेव की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सूर्य को जीवन, स्वास्थ्य एवं शक्ति के देवता के रूप में मान्यता हैं। सूर्यदेव की कृपा से ही पृथ्वी पर जीवन बरकरार है। इस दिन सूर्य को जल चढ़ाने, मंत्र का जाप करने और सूर्य नमस्कार करने से सुख स्मृद्धि की प्राप्ति होती है।


जल चढ़ाने का महत्व...
ऐसा कहा जाता है कि रविवार के पूजा बिना सूर्यदेव को जल चढ़ाए पूरी नहीं होती। अगर आप ऐसा रविवार के अलावा प्रतिदिन करते हैं, तो माना जाता है कि भगवान की कृपा आपके ऊपर बरसती रहेगी। सूर्यदेव को जल अर्पित करने से सभी परेशानियां तो दूर होती ही हैं। इसके साथ ही आर्थिक वृद्धि होनी शुरू हो जाती है। सूर्यदेव की कृपा से घर की तिजौरी कभी खाली नहीं रहती। उसके मान सम्मान में लगातार वृद्धि होती रहती है,दुश्मन भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाते।

— ज्योतिष के अनुसार सूर्यदेव की धातु ताबां है और इनका प्रिय रंग लाल है, जबकि इसका रत्न माणिक्य माना गया है। ऐसे में रंग लाल प्रिय होने के चलते इस दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करते हुए लाल पुष्प चढ़ाए जाते हैं।

 

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— रविवार की सुबह उठे तो जमीन पर कदम रखने के पूर्व सूर्यदेव का ध्यान करें। इसके बाद स्नान कर तैयार हो जाएं। अब एक बड़ी सी थाली लें और उसमें ऊपर बताई गई सभी सामग्रियां रख लें।

— रविवार के दिन एक ताम्बे का लौटा, नारियल, पूजा सुपारी, पांच बत्ती वाला दीपक और चांदी का सिक्का शामिल हैं। रविवार की सुबह उठे तो जमीन पर कदम रखने के पूर्व सूर्यदेव का ध्यान करें। पांच बत्ती वाले दीपक को घी से प्रज्वलित करें। इसके बाद खड़े होकर सूर्य को जल चढ़ाए और आरती करें। इस उपाय से आपकी किस्मत बदल जाएगी।

रविवार को यह उपाय जरूर करें.....

— केसरिया रंग के वस्त्र धारण करें।
— सूर्य देव की उपासना करें। संभव हो तो रविवार का व्रत रखें।
— सूर्य देव के लिए गुड़, लाल पुष्प, तांबा, गेहूं आदि का दान करें।
— सूर्य की मजबूती के लिए माणिक्य रत्न पहनें।
— बेल मूल की जड़ी धारण करें।
— एक मुखी रुद्राक्ष धारण करें।



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