इंदौर. कोरोना काल में परीक्षाएं कराना बहुत बड़ी चुनौती थी। अफसरों ने भी कह दिया कि इस साल जनरल प्रमोशन दिया जाए। इससे छात्रों को डिग्री तो मिल जाती, लेकिन उसमें जनरल प्रमोशन लिखा होता, जिसका खामियाजा उन्हें बाद में उठाना पड़ता। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्यभारत प्रांत के अधिवेशन में कहा हमने फाइनल में ओपन बुक परीक्षा और बाकी कक्षाओं में असेसमेंट का फॉर्मूला अपनाया, जिसे बाद में बंगाल सहित 13 राज्यों ने अपनाया।
ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में रविवार को आयोजित अधिवेशन में मालवा प्रांत को अलग प्रांत बनाने की भी घोषणा की गई। मालवा प्रांत में इंदौर-उज्जैन संभाग रहेंगे। यह मध्यभारत प्रांत का संयुक्त रूप से अंतिम अधिवेशन था। मध्यभारत में मनोज आर्य अध्यक्ष, शालिनी वर्मा मंत्री और मालवा में योगेश रघुवंशी अध्यक्ष और घनश्याम सिंह मंत्री बनाए गए। बतौर मुख्य अतिथि डॉ. यादव ने कहा, परिषद ने 7 तरह से मूल्यांकन करने का सुझाव दिया। बाद में सहमति बनते ही प्रदेश में परीक्षा करवाई गई। सभी विश्वविद्यालय ने अच्छे ढंग से इन्हें संचालित भी किया। उन्होंने कहा, नई शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर सरकार गंभीर है। शैक्षणिक संस्थानों के अलावा विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए नई दिशा मिलेगी।
मंत्रियों सहित कई पूर्व छात्रनेताओं ने लिया हिस्सा
अधिवेशन में मंत्री उषा ठाकुर, मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक मालिनी गौड़, परिषद के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री प्रफुल्ल अकांत, राष्ट्रीय मंत्री गजेंद्र तोमर, मनस्वी पाटीदार, वर्षा शर्मा, निमेश पाठक, विजय मूलचंदानी सहित 35 जिलों के 800 कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी जिलों की गतिविधियों की जानकारी देने के लिए फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई।
जल्द लागू होगी नई शिक्षा नीति
एबीवीपी के अधिवेशन में हिस्सा लेने आए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सरकार गंभीर है। नीति का बेहतर ढंग से पालन हो सके, इसलिए शिक्षाविदों, शैक्षणिक संस्थानों व छात्र संगठनों के सुझाव लिए जा रहे हैं। जल्द ही ये नई शिक्षा नीति प्रदेश में लागू कर दी जाएगी।
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