राम भारतीय संस्‍कृति के प्रतीक: आरिफ मोहम्‍मद

तिरुवनंतपुरम अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Nirman) के लिए पांच अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे। इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है। ऐसे में केरल के राज्यपाल आरिफ खान ( Mohammad Arif Khan) से पूछा गया कि क्‍या पीएम मोदी को एक धार्मिक कार्यक्रम में जाना चाहिए तो उन्‍होंने कहा कि राम मंदिर एक धर्म का नहीं बल्कि भारतीय सभ्‍यता और संस्‍कृति से जुड़ा मामला है। राम के बिना भारत की सभ्‍यता संस्‍कृति की कल्‍पना नहीं की जा सकती। हमारे सहयोगी चैनल 'टाइम्स नाऊ' के एक कार्यक्रम में अयोध्‍या में पीएम मोदी के नींव रखने जाने को लेकर पूछे गए रहे सवाल के जवाब में केरल के राज्यपाल आरिफ खान ने कहा कि आजादी के बाद जो ध्‍येय वाक्‍य है वो कम से कम 150 वेदों से लिए गए हैं। ऐसे नहीं कि उनका कोई धार्मिक महत्‍व नहीं है बल्कि वे (वेद) महान विवेक की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि संसद के मुख्‍य द्वार पर भी 'वसुधैव कुटुंबकम' वेद-उपनिषद से लिए गए सूत्र हैं। भारत की संस्कृति ज्ञान की: आरिफ मोहम्मद खान कुछ महीने पहले एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा था कि विश्व में भारत की पहचान इसके ज्ञान को लेकर है। उन्होंने विश्व की चार संस्कृतियों की तुलना की। साथ ही कहा कि ईरान और रोमन विलासिता, सुंदरता की संस्कृति से पहचाने जाते हैं, चीन कौशल और विधि की संस्कृति से जाना जाता है। वहीं भारत की संस्कृति ज्ञान की है। विषम हालातों में भी भारत ने अपनी संस्कृति को संरक्षित रखा है। रामायण के प्रसंगों का उदाहरण देते हुए आरिफ ने कहा था कि यह सब केवल प्रभु राम के सुशासन और आदर्श के अनुपालन से संभव हो सका है।


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