1 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और 4 चार महीनों बाद जागते हैं। इसलिए इस दिन से चातुर्मास शुरू हो जाता है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार इन 4 महीनों में शादी, गृह प्रवेश और अन्य बड़े मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ पंचांगों में आषाढ़ शुक्लपक्ष में दशमी तिथि यानी 30 जून तक ही शुभ मुहूर्त हैं। एकादशी यानी बुधवार एक जुलाई को देवशयन और चातुर्मास शुरू हो जाएगा। वहीं, कुछ पंचागों के अनुसार 17 जून को ही मुहूर्त खत्म हो गए थे। पं मिश्र का कहना है कि इस बार अधिकमास होने से अगले 148 दिनों तक शुभ मुहूर्त नहीं रहेंगे और 25 नवंबर के बाद मांगलिक कामों की शुरुआत होगी।
अब बचें हैं सिर्फ 12 शुभ मुहूर्त
देवशयनी एकादशी के बाद अगला विवाह मुहूर्त 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। देव प्रबोधिनी एकादशी भी 25 नवंबर को है। इस दिन से विवाह मुहूर्त की शुरुआत हो जाती है। इस साल चातुर्मास के खत्म होने पर 25 नवंबर से 14 दिसंबर तक केवल 12 शुभ मुहूर्त ही हैं। जिनमें नवंबर में 2 और दिसंबर में 10 दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे। 15 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा जो कि मकर संक्रांति तक रहेगा। इस तरह अब साल के सिर्फ 12 शुभ मुहूर्त ही बचें हैं।
नवंबर में विवाह मुहूर्त- 25 और 30 नवंबर
दिसंबर में विवाह मुहूर्त - 1, 2, 6, 7, 8, 9, 10,11, 13, 14
अगले साल अप्रैल में होगी शुरुआत
अगले साल विवाह और अन्य बड़े मांगलिक कामों के लिए अप्रैल 2021 तक इंतजार करना होगा। पं. मिश्र ने बताया कि नए साल 2021 में जनवरी से मार्च तक गुरु व शुक्र ग्रह के अस्त रहने पर मुहूर्त नहीं रहेंगे। इसलिए नवंबर-दिसंबर के बाद 3 अगले 3 महीने तक शुभ मुहूर्त का इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि 16 फरवरी 2021 को वसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त वाला दिन होने के कारण विवाह किया जा सकता है। 22 अप्रैल 2021 से दिसंबर 2021 तक करीब 46 दिन मुहूर्त रहेंगे। अप्रैल में 6, मई में 10, जून में 11, जुलाई में 6, नवंबर में 7 और दिसंबर में 6 दिन मुहूर्त रहेंगे।
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