टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने में इंदौर का अहम योगदान, भेजी गई थी ऑगर मशीन

इंदौर। उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने में इंदौर का भी योगदान रहा है। यहां से विशेष मशीन टनल स्थल पर भेजी गई थी, इसके 800-900 एमएम के ऑगर दिल्ली से आई मशीन में लगाए गए, जिससे टनल में 70 फीसदी से अधिक ड्रिलिंग कार्य हुआ और श्रमिकों की वापसी की राह भी बनी। हालांकि बाद में मशीन चट्टानों के चलते मंजिल तक नहीं पहुंच पाई, लेकिन देश में अपनी तरह के इस पहले रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता में इंदौर ने भी अपना नाम दर्ज करा दिया।

देश में दो ही ऐसी मशीन, एक इंदौर में

एनएचएआइ प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि दिल्ली से सूचना मिली कि ऑगर मशीन विमान से भेजना है तो पॉथ इंडिया से संपर्क किया। अमरीका में बनी ऑगर मशीन देश में दो ही हैं। ये हॉरिजंटल बोरिंग करने की क्षमता रखती हैं। 40 फीट के दो ट्रॉलों पर करीब 22 टन की मशीन 6 घंटे में हमने इंदौर एयरपोर्ट भेज दी थी, वहां से वायुसेना के विशेष सी-17 विमान में लोड किया गया।

विशेष विमान से पहुंचाई थी

पॉथ इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन अग्रवाल ने बताया कि हैदराबाद की निजी कंपनी की ऑगर मशीन सिमरोल में खड़ी थी। एनएचएआइ से सूचना मिलने पर हमने टीम को मशीन भेजने के लिए लगाया। हिमाचल में हमारी कंपनी टनल का काम कर रही है। दो एक्सपर्ट मौके पर भेजे। निजी कंपनी के यांत्रिकी प्रभारी लोकेन्द्र सिंह गेहलोत ने बताया कि टनल में दिल्ली की मशीन काम कर रही थी। हमारी मशीन विकल्प के तौर पर खड़ी थी। हमने इंदौर से मशीन ऑपरेटर संदीप पटेल और सुरेश ओसारी को भेजा था। मशीन संग 800-900 एमएम के 20 ऑगर भेजे थे। दिल्ली की जो मशीन काम कर रही थी, उसमें हमारे भेजे ऑगर से ड्रिलिंग की गई।



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