राज्य सरकार से नहीं मिली मदद, अधर में मास्टर प्लान की रोड

इंदौर। शहर में बनने वाली मास्टर प्लान की 14 सडक़ों का निर्माण इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) और नगर निगम को करना है। इन सडक़ों को बनाने में पैसों की कमी न हो इसके लिए राज्य सरकार ने प्रस्ताव तीनों विभाग से मांगे। इस पर प्रस्ताव बनकर भोपाल भी पहुंच गए, लेकिन राज्य सरकार से आर्थिक मदद नहीं मिली और मास्टर प्लान की सडक़ें अधर में अटक गई। इसके साथ ही निगम और आइडीए को 14 सडक़ों के निर्माण के लिए पैसे मिलने का इंतजार है, क्योंकि पिछले महीने सितंबर में 500 करोड़ रुपए की राशि मिलना थी पर नहीं मिली।

विधानसभा चुनाव से पहले मास्टर प्लान की सडक़ों के निर्माण को गति मिले इसके लिए राज्य सरकार ने आइडीए और निगम से फंड की आश्यकता लिए प्रस्ताव बुलाए। इस पर दोनों ही विभाग ने अपनी -अपनी सडक़ों के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपए की आवश्यकता बताते हुए प्रस्ताव भेजे। राज्य सरकार के कहने पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने प्रस्ताव बुलवाया था। साथ ही पिछले सप्ताह सितंबर माह के अंत तक राशि भेजने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन मिली नहीं। आइडीए और निगम के अफसर राशि मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अब यह इंतजार विधानसभा चुनाव के बाद ही खत्म होगा, क्योंकि दो-चार दिन में आचार संहिता लग जाएगी और ऐसे में पैसा मिलने से रहा। इस कारण मास्टर प्लान की सडक़ें अधर में लटक गई हैं। हालांकि आइडीए और निगम मास्टर प्लान की सडक़ें अभी बना रहा हैं, लेकिन पैसों की कमी के चलते निर्माण कार्य की चाल धीमी है। इसे गति देने के लिए राज्य सरकार ने आर्थिक मदद का प्रस्ताव बुलवाया, लेकिन मदद की नहीं।



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