हड्डियों पर नजर आ रहे कोरोना के साइड इफेक्ट

इंदौर । कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण की चपेट में आए मरीज आज भी परेशानियों से गुजर रहे हैं। संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती रहे और लंबे समय तक उपचार चला। मरीज को स्टेरॉयड भी अधिक दिया गया तो अब उसके साइड इफेक्ट नजर आ रहे हैं।

अब अष्टांग आयुर्वेद चिकित्सालय में हड्डियों में दर्द बने रहने वाले मरीज अधिक संख्या में आ रहे हैं। इतना ही नहीं हर माह 70 से 80 मरीज कैंसर के आ रहे हैं। दरअसल, जिन लोगों की हड्डियां कमजोर रही, वे कोरोना संक्रमण के सॉफ्ट टारगेट भी रहे। ऐसे मरीजों के इलाज के दौरान स्टेरॉयड चलता रहा। इसके साइड इफेक्ट हड्डियों पर पड़ता दिखाई दे रहे हैं। चिकित्सालय के डॉ. अखिलेश भार्गव ने बताया कि कोरोना काल में मरीजों को अधिक स्टेरॉयड देने से हड्डियां कमजोर हो गईं और अब उनमें दर्द बना रहने लगा। इस प्रकार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। वे कहते हैं कि इनमें बुजुर्ग अधिक आ रहे हैं। मरीजों की हड्डियां कमजोर अधिक आ रही हैं।

कैंसर के मरीजों में महिलाएं अधिक
वे कहते हैं कि हॉस्पिटल में हर माह 70 से 80 मरीज कैंसर के आ रहे हंै। कैंसर में स्तन कैंसर से लेकर लीवर, अमाशय आदि के लगातार सामने आ रहे हैं। डॉ. भार्गव का कहना है कि महिलाओं में जागरुकता की कमी होने से स्तन कैंसर के मरीज अधिक बढ़ रहे हैं। वे अपने शरीर को लेकर लापरवाही बरतती हैं। कई बार गठान होने, आकार कम ज्यादा होने पर भी इसे हल्के में लेती हैं, जो आगे चलकर गंभीर बीमारी के रूप में सामने आता है। डॉ. भार्गव का कहना है कि महिलाओं को हर महीने स्वपरीक्षण करते रहना चाहिए। खासकर माहवारी खत्म होने के बाद। इसका तरीका है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि गांठ तो नहीं है, आकार में अंतर तो नहीं आ रहा है। सूजन तो नहीं आ रही है। छोटी-छोटी सावधानियां रखकर बीमारी को गंभीर स्थिति में पहुंचने से पहले ही रोका जा सकता है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/wfsLhHl
Previous Post Next Post