इंदौर। भाजपा ने भले ही तीन माह पहले हारी हुई सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन इन प्रत्याशियों के टिकट मिलने की खुशी से ज्यादा खर्च की ङ्क्षचता सताने लगी है। एक प्रकार से टिकट मिलने की खुशी पर खर्च की ङ्क्षचता भारी पड़ गई है। इंदौर सहित प्रदेश के सभी प्रत्याशियों की एक जैसी हालात है।
गौरतलब है कि इंदौर से इस सूची में दो प्रत्याशियों के नाम घोषित हुए हैं। इनमें भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर को सोनकच्छ और पूर्व आइडीए अध्यक्ष मधु वर्मा को राऊ विधानसभा का प्रत्याशी बनाया गया है। जैसे ही टिकट घोषित हुआ, वैसे ही समर्थकों का जमावड़ा वर्मा के घर पर लग गया। सोनकर ने तो अपना डेरा दीनदायल भवन को बना लिया, लेकिन वर्मा को बधाई देने वालों का तांता उनके घर पर ही लगने लगा। दूसरी ओर पार्टी ने भी विधानसभा कार्यालय 30 अगस्त तक हर हाल में खोलने के निर्देश दे दिए हैं। ऐसे में प्रत्याशियों को घर पर आने वाले कार्यकर्ताओं और कार्यालय का खर्च साथ उठाना पड़ेगा। अब प्रत्याशियों के परिजनों का दर्द अपने खास लोगों को सामने झलकने लगा। पहले 15-20 दिन पहले टिकट घोषित होने पर भी खर्च लाखों तक जाता रहा है, अब तीन माह कार्यकर्ताओं को बराती की तरह संभालना उन्हें भारी पडऩे वाला है। इसी ङ्क्षचता में प्रत्याशियों की नींद तक उड़ रही है।
कांग्रेस के कब्जे वाली सीटों पर भाजपा ने पहली बार अचार संहिता लागू से पहले प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। दो दिन पहले जारी हुई सूची में इंदौर की राऊ और सोनकच्छ विधानसभा के प्रत्यशियों के नाम शामिल हैं। राऊ से मधु वर्मा तो सोनकच्छ से जिला ग्रामीण अध्यक्ष राजेश सोनकर हैं। घोषणा के बाद सोनकर जावरा कंपाउंड स्थित भाजपा कार्यालय में ही मौजूद रहकर कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं, जबकि राऊ प्रत्याशी वर्मा घर पर रहकर कार्यकर्ताओं से मेल मुलाकात कर रहे हैं। वे अभी तक भाजपा कार्यालय की सीढ़ी नहीं चढ़े हैं। इसे लेकर कार्यालय में कार्यकर्ताओं के बीच अलग- अलग प्रकार की चर्चाएं चलने लगी हैं।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/0gmUW1S