इंदौर. नगर निगम सीमा में आए 29 गांव 10 वार्डों में तब्दील हो गए हैं। इन वार्डों में विकास कार्य करने को लेकर लगातार मांग उठती रही है। यह देखते हुए निगम ने 29 गांव के वार्डों में सामान्य वार्ड की तुलना से तीन गुना राशि आवंटित की है। बजट में इसके लिए 80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बजट के विभागों में पहुंचते ही सडक़, पेयजल, ड्रेनेज, स्ट्रीट लाइट और सीवर को लेकर काम होंगे।
शहर से लगे 29 गांवों में बेतरतीब विकास कार्यों के चलते इन्हें निगम सीमा में शामिल कर वार्ड में बदल दिया गया। वर्ष 2014 में निगम सीमा में शामिल हुए इन गांवों के कॉलोनी-मोहल्लों के रहवासियों की समस्याएं 9 वर्ष गुजरने के बावजूद हल नहीं हुई। विकास कार्य करने के लिए निगम बजट में हर वर्ष करोड़ों रुपए का प्रावधान किया गया, किंतु विकास कार्य करने का कोई खाका न तैयार होने से लोगों को मूलभूत सुविधा से वंचित रहना पड़ा। मेयर-इन-कौसिंल (एमआइसी) से लेकर निगम परिषद की बैठक तक में 29 गांवों के लोगों की समस्याओं को लेकर बात होती रही पर काम नहीं हुआ। जब से यह गांव निगम सीमा में आए और वार्ड में तब्दील हुए, तब से ही लोग पेयजल, सडक़, ड्रेनेज, सीवर और स्ट्रीट लाइट आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं। साथ ही लगातार शिकायत निगम में करते आ रहे हैं। काम हुआ नहीं और स्थिति ढाक के तीन पात वाली ही बनी रही।
इधर, 29 गांव के वार्डों में विकास कार्य करने को लेकर पार्षद सहित आम जन की लगातार उठती मांग को देखते हुए निगम ने इस बार के बजट में 80 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया है। इस राशि का एक बड़ा हिस्सा राऊ विधानसभा के वार्डों में होगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने गांव के 10 वार्डों में सामान्य वार्ड की तुलना में तीन गुना राशि आवंटित की है। इससे पेयजल, सडक़ निर्माण, ड्रेनेज, सीवर और स्ट्रीट लाइट संबंधित काम होंगे। पिछले महीने 28 अप्रैल को मंजूर हुआ बजट जैसे ही विभागों में पहुंचेगा वैसे ही लोगों को मूलभूत सुविधा देने के कामों को करने के लिए टेंडर जारी होंगे। कारण निगम ने एक वर्ष में 29 गांव के वार्डों सूरत बदलने का दावा किया है।
यह हैं 29 गांव के वार्ड
29 गांव में वार्ड-15, 16, 18, 19, 35, 36, 75, 76, 77 और 79 है। इनमें तीन गुना राशि खर्च होगी। उदाहरण के लिए एक सामान्य वार्ड में अगर एक करोड़ रुपए विकास कार्य पर खर्च होंगे तो 29 गांव के एक वार्ड में तीन करोड़ रुपए खर्च होंगे। मालूम हो कि निगम ने एक गांव और बिजलपुर को भी शामिल किया है। इसमें भी विकास कार्य करने की प्लानिंग हो गई है।
कमेटी में किया जा रहा है संशोधन
नवंबर 2022 में 29 गांवों के लोगों को मूलभूत सुविधा देने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। निगम अफसरों की इस कमेटी में संशोधन करने में महापौर भार्गव लगे हुए हैं। कमेटी में संशोधन कर निगम अफसरों के साथ पार्षद और शहर की प्लानिंग से जुड़े प्रबुद्ध लोगों को शामिल किया जा रहा है। अभी कमेटी में अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, जनकार्य विभाग के अधीक्षण यंत्री, विद्युत विभाग के सिटी इंजीनियर राकेश अखंड, कार्यपालन यंत्री जितेंद्र जमींदार, जलप्रदाय विभाग के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव, ड्रेनेज विभाग के प्रभारी सहायक यंत्री सुनील गुप्ता और उपयंत्री पराग अग्रवाल है। इन अफसरों को लोगों की सुविधा के मद्देनजर पेयजल, सडक़ निर्माण, ड्रेनेज, सीवर और स्ट्रीट लाइट संबंधित काम प्राथमिकता के साथ करने की जिम्मेदारी दी गई है।
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