Opinion: सेम सेक्स मैरिज संवैधानिक अधिकारों का मामला है, इससे फर्क नहीं पड़ता कि कितने फीसदी पक्ष या विपक्ष में हैं

लंबे समय से समाज में बराबरी की लड़ाई चली आ रही है। समय-समय पर इसे लेकर संवाद होते रहते हैं। समलैंगिकों की समानता की लड़ाई बाकी संघर्षों से अलग नहीं है। मानव जीवन की अवधारणा विविधता पर ही जीवंत है और यौनिकता के प्रश्न इससे अलग नहीं हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने समलैंगिकों की शादी पर चल रही सुनवाई में इसे सही परिप्रेक्ष्य में रखते हुए कहा, ‘यह सवाल नहीं है कि आपके जननांग क्या हैं।

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