इंदौर. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमल नाथ के हर आदेश को शहर के नेताओं ने ताक पर रख दिया है। पहले जहां गांधी चौपाल नहीं लगाई गई और घर-घर चलो अभियान को पूरा नहीं किया गया, वहीं बाद में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान भी सही ढंग से नहीं चलाया गया। अब घर और गाड़ी पर कांग्रेस पार्टी का झंडा लगाने का अभियान ठप पड़ा है। इसके लिए विधायक, पार्षद और पदाधिकारी आगे नहीं आए हैं। मैदानी स्तर पर यह काम करने के बजाय सोशल मीडिया पर ही अपनी दुकान चला रहे हैं।
इस वर्ष नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है। कांग्रेस फिर से सत्ता हासिल करने का सपना तो देख रही है, लेकिन गुटबाजी और नेताओं की आपसी खींचतान के चलते यह सपना पूरे होते नहीं दिख रहा है। अलग-अलग गुटों में बंटी कांग्रेस के एकजुट नहीं होने का ही परिणाम है कि इंदौर शहर अध्यक्ष की कुर्सी पिछले तीन महीने से खाली पड़ी है। ऐसे में संगठन को चलाने की जिम्मेदारी जिले के प्रभारी महेंद्र जोशी को दी गई है ताकि मुख्य संगठन, मोर्चा संगठन युवा कांग्रेस, सेवादल, महिला कांग्रेस, एनसयूआई, प्रकोष्ठ व विभाग के पदाधिकारी, ब्लॉक एवं मंडलम अध्यक्ष और सेक्टर प्रभारी बेलगाम नहीं हो।
साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से जारी होने वाले कार्यक्रम शहर में होते रहे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपने कार्यकर्ताओं में जोश जगाने के लिए प्रदेशाध्यक्ष नाथ ने घर और गाड़ी पर पार्टी का झंडा लगाने का पिछले दिनों जो आदेश दिया, उसे शहर के नेताओं ने ताक पर रख दिया है। विधायक से लेकर पार्षद, शहर व प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चा सगंठन, प्रकोष्ठ और विभाग के पदाधिकारियों में से अभी तक कोई भी घर-गाड़ी पर पार्टी का झंडा लगाने के लिए आगे नहीं आया है। नतीजतन झंडा लगाने के अभियान की शहर में हवा निकल गई है।
न गांधी चौपाल लगी, न घर-घर पहुंचे नेता, न जुड़े हाथ से हाथ
शहर में जिस तरह से घर-गाड़ी पर पार्टी का झंडा लगाने का अभियान ठप हुआ है उसी तरह इसके पहले प्रदेशाध्यक्ष नाथ के आदेश पर शहर में न तो गांधी चौपाल लगाई गई और न ही घर-घर चलो अभियान पूरा किया गया। इसके साथ ही हाथ से हाथ जोड़ो अभियान भी शहर में पूरी तरह से फेल रहा। अब पार्टी का झंडा लगाने के अभियान को भी पलीता लग गया है। हालांकि शहर में कांग्रेस के बड़े नेता तो पार्टी का झंडा लगाने के लिए आगे नहीं आए, लेकिन छोटे नेताओं ने एक-दो घरों पर झंडे लगाकर अपने काम की इतिश्री जरूर कर ली। पार्टी का झंडा लगाने को लेकर आदेश जारी हुए एक हफ्ते से ज्यादा हो गया है, किंतु इंदौर शहर और ग्रामीण में अभियान को लेकर कोई कांग्रेसी गंभीर नहीं है। भले अभी शहर अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन विधायक, पार्षद, शह कांग्रेस में कोषाध्यक्ष, 8 प्रवक्ता, प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चा संगठन अध्यक्ष, ब्लॉक व मंडलम् अध्यक्ष और सेक्टर प्रभारी आदि के होने के बावजूद झंड़ा लगाने का अभियान नहीं चल रहा है।
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