budh ki ulti chal ka rashiyon per prabhav, Vakri budh ka asar: आज यानी शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 4 मिनट पर ग्रहों के राजकुमार बुध मेष राशि में वक्री होंगे यानी उल्टी चाल चलेंगे। वे मेष राशि में ही 15 मई की सुबह 8 बजकर 46 मिनट तक इसी तरह गोचर करेंगे। इसके बाद फिर से मार्गी हो जाएंगे यानी सीधी चाल चलने लगेंगे। अपनी सीधी चाल पर चलते हुए ही वे 7 जून की शाम 7 बजकर 45 मिनट पर अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे। वे मेष राशि से वृष राशि में गोचर करेंगे। पत्रिका.कॉम के इस लेख में उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. अमर अभिमन्यु डब्बावाला आपको बता रहे हैं बुध वक्री चाल चलकर आपकी राशि पर कैसा प्रभाव डालेंगे...
बुध की वक्री चाल का मेष राशि पर प्रभाव
वक्री बुध का गोचर आपके पहले स्थान पर, यानि लग्न स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका में लग्न यानि पहले स्थान का संबंध हमारे शरीर और मुख से है। लग्न स्थान पर बुध के इस गोचर के कारण आपकी सेहत अच्छी रहेगी। आपके मुंह से निकली बात प्रभावशाली साबित होगी। बुध की वक्री चाल की इस अवधि में आपको धन लाभ भी होगा। लवमेट्स के साथ आपके रिश्ते मजबूत होंगे। संतान पक्ष को न्यायालय से लाभ मिलेगा। यानी बुध का वक्री होना आपको शुभ फल देगा। लेकिन शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए कोई भी काम करने से पहले दिशाओं की एक सूचि तैयार करें उसके मुताबिक कार्य करें।
बुध की वक्री चाल का वृष राशि पर प्रभाव
बुध का वक्री गोचर आपके बारहवें स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के बारहवें स्थान का संबंध आपके व्यय और शैया सुख से है। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि बुध का यह गोचर आपको शैया सुख दिलाएगा। समाज में आपका और आपके परिवार का मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। लेकिन 15 मई तक आपको अपने पैसे संभालकर रखने की जरूरत है। इसीलिए किसी भी तरह के अशुभ फल से बचने के लिए बुध की वक्री चाल की इस अवधि में आप भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें। 'ऊँ गं गणपतये नम:' मंत्र का जाप करें।
बुध की वक्री चाल का मिथुन राशि पर प्रभाव
बुध का वक्री गोचर आपके ग्यारहवें स्थान पर हुआ है। जन्म कुंडली के ग्यारहवें स्थान का संबंध हमारी आय और इच्छाओं की पूर्ति से होता है। बुध के इस गोचर से आपकी आमदनी में वृद्धि के योग हैं। साथ ही यह आपकी संतान की तरक्की कराएगा। बुध की वक्री चाल की इस अवधि में आपको कुछ नया हुनर सीखने का मौका मिलेगा। 15 मई तक आपकी कोई इच्छा पूरी होने के योग बने हुए हैं। इसीलिए शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए तांबे का पैसा गले में धारण करें।
बुध की वक्री चाल का कर्क राशि पर प्रभाव
बुध का वक्री गोचर आपके दसवें स्थान पर हुआ है। जन्म कुंडली के दसवें स्थान का संबंध हमारे कॅरियर, राज्य और पिता से होता है। बुध के इस गोचर से आपको कॅरियर में सफलता मिलेगी। साथ ही आपके पिता की भी तरक्की होगी। नई चीजों को सीखने का मन करेगा। शस्त्र आदि के काम से जुड़े लोगों को इस अवधि में विशेष लाभ होगा। आप किसी की मदद का गलत फायदा न उठाएं। वहीं बुध के शुभ फल को सुनिश्चित करने के लिए इस दौरान घर के बाहर की चीजें खाने-पीने से बचें।
बुध की वक्री चाल का सिंह राशि पर प्रभाव
बुध का वक्री गोचर आपके नौवें स्थान पर हुआ है। जन्म कुंडली के नौवें स्थान का संबंध हमारे भाग्य से होता है। बुध के इस गोचर से आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आर्थिक लाभ के साथ आपकी आयु में भी वृद्धि होगी। साथ ही आपकी सेहत अच्छी रहेगी। लेकिन बुध की वक्री चाल का शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए लोहे की लाल रंग की गोली अपने पास रखें।
बुध की वक्री चाल का कन्या राशि पर प्रभाव
बुध का वक्री गोचर आपके आठवें स्थान पर हुआ है। जन्म कुंडली में यह स्थान आयु से संबंध रखता है। बुध के इस गोचर से शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आपको थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। बुध के वक्री होने पर आपको इस अवधि में मकान बदलना बदल सकता है। इसीलिए 15 मई तक अशुभ स्थिति से बचने के लिए और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए मिट्टी के बर्तन में पिसी हुई शक्कर या शहद भरकर वीराने में दबा दें।
बुध की वक्री चाल का तुला राशि पर प्रभाव
बुध का वक्री गोचर आपके सातवें स्थान पर हुआ है। जन्म कुंडली में सातवें स्थान का संबंध हमारे जीवनसाथी से है। बुध के इस गोचर के प्रभाव से आपका दांपत्य जीवन शानदार रहने वाला है। इस दौरान आपको धन लाभ होगा। जो लोग दस्तकारी के काम से जुड़े हैं, उन्हें इस अवधि में विशेष लाभ के योग बनेंगे। यदि आप पर कोई मुकदमा या केस चल रहा है, तो 15 मई तक उसकी दलीलें आपके पक्ष में होंगी। ऐसे में इस अवधि में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए अपनी बहन, बुआ को हरे रंग का कोई उपहार दें।
बुध की वक्री चाल का वृश्चिक राशि पर प्रभाव
बुध का वक्री गोचर आपके छठे स्थान पर हुआ है। जन्म कुंडली में छठे स्थान का संबंध हमारे मित्र, शत्रु और स्वास्थ्य से है। बुध की वक्री चाल की अवधि में आपके दोस्तों की लिस्ट की संख्या बढ़ेगी। शत्रु पक्ष आप से दूरी बनाकर रहेगा। इस अवधि में आप दूसरों की मदद करेंगे। कोई भी काम धैर्य से करें, तो सफलता मिलेगी। इस अवधि में आपको धन लाभ होगा। बुध का यह गोचर आपकी वाणी को प्रभावशाली बनाएगा। इसीलिए बुध की वक्री चाल की अवधि में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए किसी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर जाएं, तो किसी कन्या को फूल उपहार में दें।
बुध की वक्री चाल का धनु राशि पर प्रभाव
बुध का वक्री गोचर आपके पांचवें स्थान पर हुआ है। जन्म कुंडली के पांचवे स्थान का संबंध हमारे संतान, बुद्धि, विवेक और रोमांस से है। बुध के इस गोचर से आपकी बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी। किसी भी कार्य में आपकी रुचि बढ़ेगी। वहीं जिनके पहले से बच्चे हैं, उनके बच्चों की तरक्की होगी और जीवन में भरपूर रोमांस मिलेगा। बुध के वक्री चाल की इस अवधि में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए गाय की सेवा करें। ऐसा करने से स्वयं का और संतान का भाग्य उत्तम होगा।
बुध की वक्री चाल का मकर राशि पर प्रभाव
बुध का वक्री गोचर आपके चौथे स्थान पर हुआ है। जन्म कुंडली में चौथे स्थान का संबंध हमारे भवन, भूमि, वाहन और माता से है। बुध का यह गोचर आपके साथ-साथ दूसरों के लिए भी शुभ होगा। आपको भूमि-भवन और वाहन का सुख मिलेगा, लेकिन इस अवधि में आपको अपनी मां के स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना होगा। बुध की वक्री चाल की इस अवधि में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए इस अवधि में केसर का तिलक माथे पर लगाएं।
बुध की वक्री चाल का कुंभ राशि पर प्रभाव
बुध का वक्री गोचर आपके तीसरे स्थान पर हुआ है। जन्म कुंडली में तीसरे स्थान का संबंध हमारे पराक्रम, भाई-बहन और यश से है। बुध का यह गोचर आपके मान-सम्मान में वृद्धि करेगा और दूसरों के साथ आपके रिश्ते मधुर बनाएगा। इस अवधि में आप अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की पूरी कोशिश करेंगे। आप और आपके भाई-बहनों को मेहनत के अनुसार लाभ मिलेगा। बुध के वक्री चाल की इस अवधि में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए रात को फिटकरी के नमकीन पानी में हरे मूंग भिगोकर रख दें और सुबह उठकर पशुओं को खिलाएं।
बुध की वक्री चाल का मीन राशि पर प्रभाव
बुध का वक्री गोचर आपके दूसरे स्थान पर हुआ है। जन्म कुंडली में दूसरे स्थान का संबंध हमारे धन और स्वभाव से है। बुध की इस वक्री चाल से आपके धन में वृद्धि होगी। यह अवधि आपके परिवार वालों के लिए भी लाभ देने वाली रहेगी। इस अवधि में आपकी बौद्धिक क्षमता अच्छी होगी और माता का सुख मिलेगा। शत्रुओं पर विजय पाएंगे। बुध के वक्री चाल की इस अवधि में शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए मिट्टी का खाली घड़ा ढक्कन लगाकर पानी में बहा दें।
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