शहरी किसानों को ढूंढेगी भाजपा

इंदौर। शहर में रहकर खेती करने वाले किसानों की तादाद भी खासी है जिनको अब भाजपा ढूंढने की तैयारी कर रही है। सरकारी खातों से जानकारी निकालकर पार्टी का किसान मोर्चा इनसे संपर्क करेंगा। इसको लेकर अभियान चलाया जाएगा। चर्चा में उन्हें प्राकृतिक खेती करने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके साथ प्राकृतिक खेती से पैदा होने वाली फसलों को खरीदने वालों को भी किसान मोर्चा तैयार करेंगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती और मोटे अनाज को ग्रहण करने के लिए खासा जोर दिया है। किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए योजना भी तैयार की है, जिसमें 900 रुपए प्रतिमाह देसी गाय को पालने पर दिए जाएगा। ये खेती गाय पर ही आधारित होगी जो पूरी तरह रसायन मुक्त रहेगी। इसको भाजपा के किसान मोर्चा ने अभियान के रूप में ले लिया है। ग्रामीण क्षेत्र में तो दिक्कत नहीं है लेकिन शहरी क्षेत्र में मोर्चा के लिए काम करना आसान नहीं है। उसके बावजूद पहले चरण में पांच हजार किसानों से संपर्क की योजना बनाई है।

कल नगर के किसान मोर्चा का हितग्राही सम्मेलन था। इसमें प्रदेश अध्यक्ष दर्शनसिंह, उपाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राजपूत, महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा, मंत्री रवि रावलिया के अलावा प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष जीतू जिराती, मधु वर्मा सहित कई नेता मौजूद थे। चर्चा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष सिंह ने प्राकृतिक खेती को लेकर अभियान चलाए जाने का आव्हान किया। उन्होंने देसी गाय गोबर व मुत्र से बनने वाली खाद आधारित खेती की जानकारी दी। इसको लेकर सरकार 900 रुपए प्रतिमाह दे रही है। प्रत्येक किसान को एक एकड़ में इस प्रकार की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने का आव्हान किया गया।

तैयार होगा प्राकृतिक परिवार
गौरतलब है कि प्राकृतिक खेती की फसल रसायनिक फसल से महंगी होगी। उसके खरीददार व कद्रदान की भी तलाश किसान मोर्चा ही करेगा। प्राकृतिक खेती का महत्व बताकर लोगों को जोड़ा जाएगा। इसे प्राकृतिक परिवार कहा जाएगा। वर्तमान में इंदौर जिले में जैविक खेती होती है, जिसकी सब्जी का बिचौली मर्दाना में एक मार्केट भी संचालित हो रहा है।

ऐसे निकालेंगे नाम
इंदौर नगर किसान मोर्चा को लेकर पूर्व में कई बार सवाल खड़े हुए। कहना था कि शहर में किसान मोर्चे का क्या काम लेकिन कल 350 से अधिक किसानों को इकट्ठा करके मोर्चा की मौजूदगी को सिद्ध किया गया। अध्यक्ष मुकेश पंवार के मुताबिक नगर निगम की सीमा में 29 गांव आए हैं जिसमें कई जगहों पर आज भी खेती होती है।
उसके अलावा इंदौर तो ठीक आस-पास के जिलों में जिनके पास जमीनें हैं और उस पर वे खेती करते है, ऐसे किसानों की संख्या हजारों में है। नगर का मोर्चा ऐसे किसानों से संपर्क करेंगा। उन्हें निकालने के लिए गांव की खसरा खतौनी से पते की जानकारी लगाई जाएगी। वहां से उन्हें संपर्क किया जाएगा।



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