<p style="text-align: justify;"><strong>PNB Rule Change:</strong> पंजाब नेशनल बैंक कुछ खास ग्राहकों के लिए अपने नियम में बदलाव करने जा रहा है. अगर आप भी इस कैटेगरी में आते हैं तो इसके बारे में पूरी डिटेल जान लेनी चाहिए. दरअसर, PNB ने पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) पांच लाख रुपये या उससे अधिक का चेक से भुगतान करने पर अनिवार्य कर दिया है. ये पांच अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा. </p> <p style="text-align: justify;">पब्लिक सेक्टर के इस बैंक ने ये फैसला फ्रॉड से बचाव के लिए लागू किया है. पीपीएस के तहत चेक डिटेल से भुगतान करने की पहले सीमा 10 लाख रुपये या उससे अधिक थी, जो अब पांच लाख रुपये कर दिया गया है. बैंक का मानना है कि इससे चेक बाउंस और फ्रॉड जैसी घटनाओं पर लगाम लगेगी. </p> <h3 style="text-align: justify;"><strong>क्या होता है पॉजिटिव पे सिस्टम </strong></h3> <p style="text-align: justify;">PPS नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से तैयार किया गया है एक ऐसा तंत्र है, जिसके तहत बैंक अकाउंट होल्डर चेक जारीकर्ता की सभी डिटेल शेयर करता है. पैसा निकालने से पहले ये सभी जानकारी देनी होगी. चेक विवरण बैंक की ओर से बताए गए तरीकों से दिया जा सकता है. </p> <h3 style="text-align: justify;"><strong>पीपीएस सुविधा का कैसे करें उपयोग </strong></h3> <p style="text-align: justify;">पीएनबी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, चेक से पेमेंट करने वाला कोई भी व्यक्ति, ब्रांच, ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग (पीएनबी वन), या एसएमएस बैंकिंग के माध्यम से पॉजिटिव पेमेंट सिस्टम का उपयोग कर सकता है. </p> <h3 style="text-align: justify;"><strong>50,000 रुपये चेक पेमेंट के लिए भी पीपीएस </strong></h3> <p style="text-align: justify;">पीएनबी ने 50,000 रुपये और उससे ज्यादा के चेक के लिए पीपीएस लागू किया था. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मानदंडों के अनुसार 1 जनवरी, 2021 को जारी एक गाइडलाइन में कहा था कि पीपीएस का विकल्प अकाउंट होल्डर्स के विवेक पर निर्भरक करता है. हालांकि बैंक इसे 5 लाख रुपये या उससे ज्यादा के लिए लागू कर सकते हैं. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/vwDlpdf Economic Growth: कोरोना के चलते चीन की इकोनॉमी हो गई 'तबाह'! साल 2023 में GDP केवल 5 फीसदी रहने का अनुमान</a></strong></p>
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