अश्वनी शर्मा, नई दिल्लीः इनका नाम है कामची अम्मल और उम्र 97 साल। कोविड के दौरान उनकी याददाश्त जाती रही। फिर भी अचानक कभी कभी वह गुनगुनाने लगती हैं कदम कदम बढ़ाए जा-खुशी के गीत गाए जा। वह दिल्ली के उन बचे हुए पांच स्वतंतता संग्राम सेनानियों में एक हैं जिन्हें सरकारी पेंशन मिलती है। कामची नेता जी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज की महिला विंग रानी झांसी रेजिमेंट बतौर रसोइया काम करती थीं। उन्होंने कर्नल लक्ष्मी सहगल और शिवगामी अम्मल जैसी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के साथ काम किया था। फिलहाल उनका परिवार चाहता है कि खराब हालत में जी रही कामची अम्मल को इलाज व दूसरी सुविधाएं देने में सरकार उदारता बरते।
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