
इंदौर। अपने समर्थकों को चुनाव जितवाने के लिए गली-गली में रोड शो करने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के गृह क्षेत्र वाले नंदानगर से 213 वोटों से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। उनके ही घरू बूथ से पार्टी को महज 10 वोटों से ही जीत मिली। वार्ड में कांग्रेस प्रत्याशी ने भाजपा को पसीने छुड़वा दिए।
एक पुरानी कहावत है- चिराग तले अंधेरा... ऐसे ही हाल भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय के हैं।
शहर में जिस-जिस वार्ड में भाजपा के प्रत्याशी कमजोर थे, उनमें संगठन ने विजयवर्गीय का रोड शो करवाया ताकि प्रत्याशी को फायदा मिल सके। इसके अलावा उन्होंने वार्ड-64 में अपने समर्थक मनीष मामा के लिए 9 घंटे तक रोड शो किया। देखा जाए तो पूरे चुनाव को विजयवर्गीय ने ओढ़ रखा था। सारी गतिविधियों में उनका हस्तक्षेप रहा। कल पार्टी की एकतरफा जीत का श्रेय लेने के लिए वे विजेता की तरह नेहरू स्टेडियम भी पहुंचे थे, लेकिन सच्चाई ये है कि उनके गृह वार्ड में ही भाजपा की हालत पतली थी।
आखिरी समय तक कश्मकशभरा रहा था चुनाव
राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय का निवास नंदानगर गली नंबर- 9 में आता है, जो विधानसभा दो के वार्ड 27 में आती है। यहां से विजयवर्गीय के खास मुन्नालाल यादव भाजपा के प्रत्याशी थे, जिनके खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी विनोद यादव (बब्बू) चुनाव लड़े थे। मतगणना के आखिरी तक चुनाव कश्मकश भरा रहा, जिसमें मात्र 413 वोटों से मुन्नालाल जीते। परिणाम के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा ये हुआ कि विजयवर्गीय के गृह क्षेत्र नंदानगर से ही भाजपा हार गई।
बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय सहित बड़ा परिवार भी निवास करता है। करीब 7 हजार वोटर्स के इस वार्ड में से कांग्रेस को 213 वोटों की लीड मिली। यहां तक कि वार्ड 36 से चुनाव जीते सुरेश कुरवाड़े की गृह कॉलोनी बजरंग नगर से तो विधायक रमेश मेंदोला के खास मुन्ना डॉटर की कॉलोनी सत्यम विहार में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि विधायक मेंदोला के गृह क्षेत्र वाले नंदा नगर में भाजपा जीती है।
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