इंदौर। दलित के घर आई बरात की पिटाई की और दूल्हे को घोड़ी से उतार दिया गया। पीडि़तों ने जब थाने पर मुकदमा दर्ज करा दिया तो दबंगों ने बहिष्कार कर दिया। घोषणा कर दी कि उनसे कोई भी बात करेगा तो 11000 रुपए का जुर्माना देना होगा। यहां तक कि सरकारी नल से पानी लेने पर भी रोक लगा दी। घटना की जानकारी मिलने पर इंदौर से दलित नेता मिलने पहुंचे। प्रशासन को सारी घटना की जानकारी दी।
पानी-पानी के लिए तरसने पर बदनावर के खंडीगारा गांव के कुछ परिवारों ने अखिल भारतीय बलाई समाज के अध्यक्ष मनोज परमार से संपर्क किया। चर्चा के दौरान उन्होंने दुखड़ा सुनाया। कहानी ये सामने आई कि 8 अप्रैल को रविदास समाज के केसरलाल चौहान की बिटिया की शादी थी। बरात बेगंदा से आई थी। दलित दूल्हे के घोड़ी पर बैठना गांव के दबंगों को रास नहीं आया। उसे उतारने का कहा तो बरातियों ने आपत्ति ली जिस पर दबंगों ने सबके साथ मारपीट कर
की। घटना के बाद पीडि़तों ने कानवन थाने पर मुकदमा दर्ज करा दिया।
बस क्या था उसके बाद दबंगों ने गांव में रहने वाले सभी दलित परिवारों का बहिष्कार कर दिया। बात यहीं तक सीमित नहीं रही। उनका सरकारी नल से पानी, डेरी से दूध, किराना दुकान से सामान, आटा चक्की पर आटा नहीं पीसने तक का फरमान जारी कर दिया गया। खेत पर जाने का रास्ता भी नहीं दिया जा रहा। वहीं, अन्य समाज को चेतावनी दी गई कि कोई भी दलितों से बात करेगा तो उसे 11 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। इस पर परमार कल इंदौर के कई दलित समाज के नेताओं को लेकर धार पहुंचे।
पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह और कलेक्टर डॉ. पंकज जैन से मुलाकात कर घटना की जानकारी दी। कहना था कि परिवार पर हमला करने वाले आरोपियों की आज तक गिरफ्तारी नहीं हुई। वे खुले आम गांव में घूम रहे हैं और मुकदमा वापस लेने की धमकी दे रहे हैं। दबाव बनाने के लिए अब हमारा बहिष्कार किया जा रहा है। ऐसे तो दलित परिवारों को वहां से पलायन करना पड़ेगा। बाद में परमार व उनकी टीम जिला भाजपा अध्यक्ष राजीव यादव से भी मिले।
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