यूक्रेन पर चीन ने कर दिया खेल, रूस के साथ 'खड़ा' दिखा भारत, जानें दुनिया में कौन किस तरफ

संयुक्‍त राष्‍ट्र/मास्‍को यूक्रेन में रूसी सेना की घुसपैठ के मुद्दे पर पश्चिमी देश जहां रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं चीन ने खेल कर दिया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में चीन ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की और कहा कि यूक्रेन में तनाव को न भड़काएं। चीन ने अपने बयान में कहीं भी रूस की आलोचना नहीं की। वहीं भारत ने रूस- यूक्रेन सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर ‘गहरी चिंता’ जताई और कहा कि तनाव को कम करना तात्‍कालिक प्राथमिकता है। पश्चिमी देशों से उलट भारत ने रूसी कार्रवाई का विरोध नहीं किया। चीन ने सुरक्षा परिषद में यूक्रेन संकट को लेकर बुलाई गई बैठक में सभी पक्षों से संयम बरतने और यूक्रेन विवाद के राजनयिक समाधान खोजने के हर प्रयास को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। चीन का मानना है कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप शांतिपूर्ण तरीकों से विवादों को हल करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने यूक्रेन संकट के सभी महत्वपूर्ण पक्षों से ‘उचित समाधान तलाशने के लिए बातचीत जारी रखने का आह्वान किया।’ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के तथाकथित ‘दोनेत्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’ की 'स्वतंत्रता' को मान्यता देने के बाद, अमेरिका और छह अन्य देशों के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार रात यूक्रेन विवाद पर आपात बैठक बुलाई थी। सभी संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए: चीन चीन के राजदूत ने अपने सहयोगी रूस की कार्रवाइयों का कोई उल्लेख नहीं किया। उसने केवल इतना कहा, ‘सभी संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचना चाहिए जो तनाव को बढ़ा सकती है।’ उसने साथ ही कहा, ‘राजनयिक समाधान के लिए हर प्रयास का स्वागत करना चाहिए और उसे बढ़ावा देना चाहिए।’ चीन की सरकारी मीडिया ने एक खबर में बताया था कि यूक्रेन की राजधानी कीव में चीन के दूतावास ने यूक्रेन में अपने नागरिकों को उनकी सुरक्षा बढ़ाने और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों से दूर रहने को कहा है। रूस- यूक्रेन तनाव को कम करना तात्कालिक प्राथमिकता: भारत भारत ने रूस- यूक्रेन सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर ‘गहरी चिंता’ व्यक्त करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि तनाव को कम करना तात्कालिक प्राथमिकता है। भारत आश्वस्त है कि इस मुद्दे को कूटनीतिक संवाद के जरिए ही हल किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने सोमवार की रात को सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा, ‘हम यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर हो रही गतिविधियों और रूसी संघ द्वारा इस संबंध में की गई घोषणा सहित पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘रूसी संघ के साथ लगी यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गंभीर चिंता का विषय है। इन चीज़ों से क्षेत्र की शांति एवं सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।’ भारत ने इसके साथ ही सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान भी किया और कहा कि सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए और क्षेत्र में दीर्घकालीन शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए ‘तनाव कम करना’ तात्कालिक प्राथमिकता है। पुतिन के फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन पर एक आपात बैठक की। सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता इस महीने रूस के पास है। भारत ने ‘सभी पक्षों के लिए’ संयम बरतते हुए अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और साथ ही कहा कि जल्द से जल्द आपसी सहमति से समाधान निकालने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज करने चाहिए। तिरुमूर्ति ने कहा, ‘हम आश्वस्त हैं कि इस मुद्दे को कूटनीतिक संवाद के जरिए ही हल किया जा सकता है। हमें तनाव कम करने की कोशिश में लगे पक्षों द्वारा हाल में उठाए गए कदमों को वक्त देने की जरूरत है।’ रूस का फैसला को यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन: संयुक्‍त राष्‍ट्र संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों की ‘स्वतंत्रता’ को मान्यता देने के रूस के फैसले पर सोमवार को गहरी चिंता व्यक्त की। गुतारेस ने कहा कि रूस का फैसला यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुत्ता का ‘उल्लंघन’ है तथा संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के विरुद्ध है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘दोनेत्स्क और लुहांस्क गणराज्यों’ की ‘स्वतंत्रता’ को मान्यता देने के आदेश पर हस्ताक्षर किए। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, गुतारेस, यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों के कुछ इलाकों के दर्जे से संबंधित रूसी संघ के फैसले से चिंतित हैं। इसमें कहा गया है, ‘गुतारेस मिंस्क समझौतों के अनुसार पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान करते हैं।’ इसमें कहा गया है कि गुतारेस रूसी संघ के फैसले को यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुत्ता का उल्लंघन मानते हैं तथा संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के विरुद्ध मानते हैं। रूस पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन अमेरिका ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह फैसला मिंस्क समझौतों के तहत रूस की प्रतिबद्धताओं को ‘पूरी तरह खारिज’ करता है और रूस के इस दावे के विरोधी है कि वह कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका ने कहा कि यह यूक्रेन की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता पर साफ तौर पर हमला है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे अमेरिकी लोगों द्वारा यूक्रेन के तथाकथित ‘दोनेत्स्क और लुहांस्क गणराज्यों’ वाले क्षेत्रों में सभी नए निवेश, व्यापार और वित्त पोषण पर रोक लग जाएगी। उन्होंने कहा, ‘हम यूक्रेन और अपने सहयोगियों तथा साझेदारों के साथ समन्वय करते रहेंगे, ताकि रूस की बिना उकसावे वाली और अस्वीकार्य कार्रवाई के जवाब में उचित कदम उठाए जा सकें।’ ब्लिंकन ने कहा, ‘रूस का फैसला अंतरराष्ट्रीय कानून और नियमों का राष्ट्रपति पुतिन द्वारा घोर उल्लंघन करने का एक और उदाहरण है।’ जापान ने रूस की निंदा की, ‘गंभीर कार्रवाई’ पर करेगा विचार जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का कथित उल्लंघन करने को लेकर रूस की निंदा की और कहा कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ प्रतिबंधों सहित संभावित ‘गंभीर कार्रवाई’ पर चर्चा करेगा। किशिदा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों की आजादी को मान्यता देने के आदेश पर हस्ताक्षर किए जाने के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। पुतिन के मुताबिक, उनके सैनिक इन इलाकों में ‘शांति स्थापित करेंगे।’ इसके साथ ही यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका बढ़ गई है। किशिदा ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा,‘यह कार्रवाई अस्वीकार्य है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जापान गंभीर चिंता पैदा करने वाली इन घटनाओं को देख रहा है।’ जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने मंगलवार को एक अलग बयान में कहा कि सात देशों (जी-7) का समूह लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करता है और कानून के राज को लेकर एकजुट है तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय का नेतृत्व करता है। हालांकि, जापान द्वारा अपने स्तर से रूस पर प्रतिबंध लगाने के सवाल को वह टाल गए।


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