वॉशिंगटन यूक्रेन को लेकर दुनिया की दो महाशक्तियां अमेरिका और रूस आमने-सामने हैं। रूस ने जहां यूक्रेन की सीमा पर करीब दो लाख सैनिक तैनात करके जोरदार परमाणु अभ्यास किया है। वहीं अब अमेरिकी सेना ने भी यूक्रेन की सीमा के पास नाटो सदस्य देश पोलैंड में तबाही मचाने का अभ्यास किया है। ये अमेरिकी सैनिक हजारों की तादाद में राष्ट्रपति जो बाइडन के आदेश पर पोलैंड पहुंचे हैं। अमेरिकी सेना के साथ पोलैंड की सेना भी युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रही है। माना जा रहा है कि रूस और बेलारूस के जोरदार सैन्य अभ्यास के बाद अब अमेरिका और पोलैंड की सेना ने शक्ति प्रदर्शन शुरू किया है। पोलैंड के रक्षा मंत्री मरउस्ज ब्लास्जकजाक ने रविवार के बताया कि पूरे सप्ताह में पोलैंड की सेना ने देश के दक्षिणी पूर्वी हिस्से में अमेरिका के 82वीं एयरबॉर्न डिविजन के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास किया है। इससे पहले अमेरिका ने रूस के सैन्य जमावड़े को देखते हुए हजारों की तादाद में अतिरिक्त सैनिकों को पोलैंड और रोमानिया भेजा था। यही नहीं सेना भेजने के साथ-साथ अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ब्रिटेन, कनाडा, पोलैंड और कई अन्य देशों ने यूक्रेन को अरबों डॉलर के घातक हथियार और मिसाइलें दी हैं। अमेरिकी सेना ने कहा है कि यूक्रेन की सीमा से सटे नाटो सहयोगी देश पोलैंड में उनकी मौजूदगी से रूसी तनाव के बीच पूरे इलाके को सुरक्षा का भरोसा मिलेगा। रूस के हमले के खतरे को देखते हुए अमेरिका ने पोलैंड में अब तक 9 हजार सैनिकों की तैनाती कर दी है। ये सैनिक पोलैंड की सेना के साथ किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। आमदिनों में पोलैंड में करीब 4 हजार अमेरिकी सैनिक हमेशा तैनात रहते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ताजा तनाव को देखते हुए 4 हजार अतिरिक्त सैनिकों को पोलैंड में तैनात किया है। इसके अलावा कई युद्धक हथियार और फाइटर जेट भी रूस से लोहा लेने के लिए यूरोप पहुंच चुके हैं। आलम यह है कि नाटो के एफ-16 विमान मिसाइलों से लैस होकर अब हवा में गश्त लगा रहे हैं। उधर, अमेरिका की पोलैंड में इस सैन्य तैयारी से रूस भड़का हुआ है। रूस ने इन अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की है। ये अमेरिकी सैनिक ऐसे समय पर अभ्यास कर रहे हैं जब मैक्सर के सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि बड़ी संख्या में घातक हथियार और रूसी सैनिक बेलगोरोड के पश्चिमोत्तर हिस्से, सोलोती और वालुयकी में देखे गए हैं।' रूस के ये कस्बे यूक्रेन की सीमा से मात्र 35 किमी की दूरी पर हैं। मैक्सर ने पाया कि रूसी सेना की पहले की तैयारी और अब की तैयारी में बदलाव आया है। अब तक रूस ने ज्यादातर हथियारों को अपने सैन्य ठिकानों और प्रशिक्षण वाले में तैनात कर रखा था। यही नहीं रूस के कुछ हथियार तो यूक्रेन की सीमा के मात्र 15 किमी की दूरी पर तैनात हैं।
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