केपटाउन जंगल का सबसे खतरनाक शिकारी शेर भी शिकारियों से डरता है। वैसे तो शेर हाथी से लेकर मगरमच्छ तक, किसी से भी भिड़ सकता है लेकिन जब बात अपने बच्चों की आती है तो शेर भी कोई खतरा मोल नहीं लेता। जब शेरनियों को महसूस होता है कि यह इलाका अब शावकों के लिए सुरक्षित नहीं है तब वह एक से दूसरी जगह के लिए विस्थापन करती हैं। इस दौरान वह शावकों को अपने मुंह में दबाकर अपना रास्ता तय करती हैं। इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया गया है। इसमें शेरनियों का झुंड शावकों को अपने मुंह में दबाकर जंगल से गुजर रहा है। वीडियो शेयर करते हुए केन्या के एक इंस्टाग्राम यूजर ने लिखा, 'जब धरती पर मौजूद बाकी जिंदगियां मुश्किलों से लड़कर जीने की कोशिश कर रही हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते? शावकों का एक से दूसरी जगह जाना शेरों के झुंड के लिए बहुत अहम होता है। वे अपने बच्चों को संभावित शिकार से बचाते हैं.. हां, शिकारी इन छोटे शावकों का शिकार कर सकते हैं। इसलिए ये काम इनकी मां को करना पड़ता है। जब उन्हें महसूस होता है कि यह इलाका असुरक्षित है तो वे इन्हें दूसरे सुरक्षित स्थान पर लेकर जाती हैं।' लोगों ने कहा- मां का प्यारवीडियो को 'Safari Monks Africa' नाम की ट्रैवल कंपनी के गाइड केन ने रेकॉर्ड किया है। ऐसे नजारे ज्यादातर अफ्रीका में ही देखने को मिलते हैं। वीडियो में कई शेरनियां अपने मुंह में शावकों को दबाए हुए नजर आ रही हैं। वहीं कुछ शावक झुंड के साथ चल रहे हैं। जंगल में ऐसे नजारे बेहद कम ही दिखाई पड़ते हैं। वीडियो को 600 से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं और कई लोगों ने इस पर कमेंट किया है। यूजर्स ने इसे 'मां का प्यार' बताया है। फोटोग्राफर के लिए ऐसे नजारे किस्मत की बातकई लोग इस अद्भुत वीडियो को देखकर चौंक गए तो कुछ ने इसे बेहद प्यारा बताया। एक मां का अपने बच्चों के प्रति ऐसा प्यार देखकर सोशल मीडिया यूजर्स भावुक हो गए। कई यूजर्स ने ये वीडियो रेकॉर्ड करने के लिए केन की तारीफ भी की। किसी फोटोग्राफर के लिए जंगल में इस तरह के दृश्य दिखना किस्मत की बात होती है क्योंकि ज्यादातर शेरों के शिकार करते हुए ही वीडियो रेकॉर्ड किए जाते हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा शेर तंजानिया में पाए जाते हैं जहां कुछ विशेषज्ञों के अनुसार 15,000 शेर मौजूद हैं।
from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/3HpBnWs