सुलेमानी की हत्‍या का ट्रंप से खूनी बदला लेना चाहता है ईरान, ड्रोन हमले का खौफनाक वीडियो किया जारी

तेहरान ईरान ने अपने शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्‍या का बदला लेने के लिए डोनाल्‍ड ट्रंप पर विस्‍फटकों से लैस ड्रोन विमान से हमला करना चाहता है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्‍ला खमनेई की वेबसाइट पर पब्लिश किए गए एक नकली वीडियो में नजर आ रहा है कि ट्रंप के गोल्‍फ खेलते समय ईरानी ड्रोन विमान उनके ऊपर हमला करता है। इस वीडियो का शीर्षक 'बदला निश्चित है' दिया गया है। इस वीडियो की शुरुआत ट्रंप के फ्लोरिडा के पाम बीच स्थित घर से होती है। एक अमेरिकी झंडा गोल्‍फ कोर्स के अंदर दिखाई दे रहा है। ट्रंप इसमें अपनी च‍िर परिचित टोपी पहने हुए नजर आ रहे हैं। उनके साथ 4 अन्‍य लोग भी मौजूद हैं। अचानक ही इस वीडियो में एक छोटा सा रिमोट कंट्रोल से चलने वाला वाहन नजर आता है। एक ड्रोन ऑपरेटर इस वाहन को चला रहा होता है। वीडियो में आगे सुलेमानी की तस्‍वीर नजर आती है। ट्रंप पर हमला कर देता है ईरानी ड्रोन विमान ऑपरेटर सीसीटीवी को हैक कर लेता है ताकि रिमोट से चलने वाले वाहन को कोई देख न सके। इस दौरान ट्रंप के फोन पर सुलेमानी के हत्‍या का बदला लेने का मैसेज आता है। इसी बीच एक ड्रोन आता है और वह सीधे ट्रंप पर हमला कर देता है। इसके बाद वीडियो खत्‍म हो जाता है जिसके अंत में लिखा होता है, बदला निश्चित है।' इस वीडियो को खुद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्‍ला खमनेई ने जारी किया है। खमनेई ने सुलेमानी के परिवार के साथ हालिया मुलाकात के दौरान कहा था, 'शहीद सुलेमानी स्‍थायी हैं और हमेशा जिंदा रहेंगे।' खमनेई ने कहा, 'जिन लोगों (ट्रंप) ने खमनेई को शहीद किया, वे इतिहास के डस्‍टबिन में हैं और उन्‍हें इतिहास के डस्‍टबिन से भी भुला दिया जाएगा। लेकिन सुलेमानी हमेशा जिंदा रहेंगे। शहीद को ऐसे ही होना चाहिए और उनके दुश्‍मन खो जाएंगे तथा दफन होंगे।' ऐसा पहली बार नहीं है जब ईरान ने दुष्‍प्रचार का वीडियो जारी किया है। ईरानी टीवी ने पिछले दिनों अमेरिकी राजधानी पर मिसाइल हमले का प्रोपेगैंडा वीडियो जारी किया था। ईरान के सबसे बड़े सैन्य अधिकारी थे सुलेमानी ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड्स की ही विदेशों में काम करने वाली यूनिट कुद्स फोर्स का जिम्मा संभालने वाले कासिम सुलेमानी को अमेरिका के बड़े दुश्मनों में शुमार किया जाता था। अमेरिका के कट्टर प्रतिद्वंद्वी ईरान के लिए वह कितने अहम थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि पश्चिम एशिया में किसी भी मिशन को वही अंजाम देते थे। यही कारण था कि वह अक्सर इराक और बाकी पश्चिम एशियाई देशों का दौरा करते रहते थे। अमेरिका के दुश्मन कैसे बने सुलेमानी ईरान के सुदूर दक्षिणपूर्व इलाके के एक गरीब परिवार से आने वाले सुलेमानी इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड में शामिल हुए थे। इस गार्ड का गठन देश की सुरक्षा और विचारधारा को कड़ाई से लागू करने के लिए किया गया था। पड़ोसी इराक के साथ 1980 और 1988 में हुए युद्ध के दौरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड के पास राजनीतिक और आर्थिक शक्ति भी आई। इराक में हुए खूनी संघर्ष ने सुलेमानी को आगे बढ़ने में काफी मदद पहुंचाई। उम्र के 20वें साल में ही सुलेमानी ने दुश्मनों के खिलाफ कई मिशन को अंजाम दिया। उन्हें ईरान के दुश्मनों को कुचलने के लिए जाना जाता है। 1990 के दशक के आखिरी सालों में उन्हें कुद्स गार्ड का चीफ बना दिया गया। कुद्स गार्ड के ऊपर लेबनान में हिजबुल्लाह को बढ़ावा देने का आरोप लगा।


from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/3KaEQdT
Previous Post Next Post