कुंभ संक्रांति 2022 : मां लक्ष्मी की कृपा 4 राशियों को बनाएंगी मालामाल, जानें धन लाभ के योग किस दिन से बनेंगे

Surya ka Rashi Parivartan 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर हिंदी माह में सूर्य अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं, सूर्य का यह परिवर्तन संक्रांति कहलाता है। ऐसे में इस बार फरवरी में सूर्य देव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जिसके चलते सूर्य का ये परिवर्तन कुंभ संक्रांति कहलाएगा।

ज्योतिष के जानकार पंडित एके शुक्ला के अनुसार सूर्यदेव का यह परिवर्तन 13 फरवरी 2022 को प्रातः 3:12 बजे होगा। जिसके तहत सूर्यदेव मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के इस राशि परिवर्तन का सभी राशियों के साथ ही समस्त जीवों पर असर पड़ेगा। सूर्य के राशि परिवर्तन से जहां मिथुन, कर्क और वृश्चिक समेत कई राशियों पर मां लक्ष्मी की कृपा से धन लाभ के योग का निर्माण होगा। तो चलिए जानते हैं सूर्य के कुंभ राशि में प्रवेश का सभी 12 राशियों पर असर-

1. मेष राशि - मान-सम्मान मिलने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। नौकरी की कोशिशें सफल होने के साथ ही संतान से सुखद सूचना मिलने की संभावना। व्यर्थ के भय से अप्रैल के दूसरे मंगलवार से परेशान हो सकते हैं, ऐसे में कार्यों में अवांछित व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं। शुभ कार्यों पर अप्रैल के दूसरे बुधवार से खर्च बढ़ेंगे।

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घर-परिवार में मांगलिक कार्य के बीच भवन के रखरखाव और सौन्दर्यीकरण पर भी खर्च हो सकता है। शैक्षिक कार्यों इस समय विशेष सावधनी से करें। अप्रैल के आखिरी दिनों में मन में अजीब तरह के भाव रहेंगे। बच्चों की सेहत का ध्यान रखना होगा। साथ ही आय में बढ़ौतरी के साधन बनेंगे।

उपाय- सुबह के समय हर रोज दुर्गा चालीसा का पाठ करें। साथ ही पिता और पितातुल्य लोगों से अच्छे रिश्ते बनाते हुए उनका पूर्ण आदर करें।

2. वृषभ राशि - परिश्रम के साथ ही वाणी की मधुरता बनाए रखें। फरवरी के आखिरी शनिवार से कार्यों में कठिनाइयों का दौर आ सकता है। शैक्षिक कार्य मार्च के अंतिम रविवार से सुधारेंगे। अप्रैल के दूसरे मंगलवार के बाद स्थान परिवर्तन की संभावना के बीच तरक्की के योग बनेंगे। आय में वृद्धि के साथ ही बौद्धिक कार्यों में बिजी रह सकते है। आय के नए साधनों का निर्माण होगा। वाहन सुख में बढ़ौतरी के साथ ही परिवार का माहौल सुख-शांति से भरा रहेगा। नौकरी में शासन-सत्ता का सहयोग अप्रैल के आखिरी शुक्रवार से मिलेगा।

उपाय- प्रतिदिन प्रातः सिद्धकुन्जिका स्तोत्र का पाठ करें।


3. मिथुन राशि - फरवरी के दूसरे रविवार यानि सूर्य देव के कुंभ राशि में प्रवेश के साथ से कार्यक्षेत्र में सुधार के साथ ही कारोबार की स्थिति में भी बदलाव आएगा। जबकि अप्रैल के पहले बुधवार के बाद से किसी मित्र के सहयोग आय में वृद्धि कराने में सहायक सिद्ध होगा। नौकरी में अफसरों के सहयोग के बीच घर-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा।

 

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अप्रैल के अंतिम शुक्रवार से कार्यक्षेत्र में परिवर्तन के बीच वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। इस दौरान यात्रा में कमी के साथ ही आय का कोई अन्य साधन भी बन सकता है। कुछ रुके हुए कार्य भी पूर्ण होंगे।

उपाय- हनुमान चालीसा का पाठ हर रोज सूर्यास्त के बाद करें। साथ ही हर रोज भगवान राम की पूजा करें।

4. कर्क राशि - खान-पान में मीठे प्रति रुझान बढ़ने के बीच फरवरी के अंतिम रविवार से स्वास्थ्य में सुधार होगा। वाहन सुख में वृद्धि के अलावा कारोबार में आय की स्थिति में सुधार संभव है। अप्रैल के दूसरे मंगलवार से राजनैतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के बावजूद रहन सहन अव्यवस्थित रह सकता है। माता की सेहत का ध्यान रखने के अलावा अप्रैल के दूसरे बुधवार से शैक्षिक कार्यों में सुधार होगा। धर्म के प्रति श्रद्धा भाव बढ़ने के साथ ही बौद्धिक कार्यों में भी व्यस्तता बढ़ सकती है। आय में वृद्धि की संभावना के बीच नौकरी में तरक्की के अवसर मिलने से मन प्रसन्न रहेगा।

उपाय- दुर्गा चालीसा का पाठ हर रोज सुबह करें। साथ ही ज्यादा नमक और चावल खाने से बचें।

5. सिंह राशि - क्रोध पर नियंत्रण के साथ ही खर्चों में भी नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। फरवरी के आखिरी शनिवार के बाद भवन या सम्पत्ति के रखरखाव पर खर्चे में वृद्धि हो सकती है। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होने के अलावा कारोबारी इस दौरान अपने कारोबार पर ध्यान दें। कुछ कठिनाइयों के बीच मित्रों का सहयोग मिल सकता है। जबकि एक अप्रैल से कारोबार में सुधार की संभावना के साथ ही पिता की सेहत में भी सुधार होगा। अप्रैल के दूसरे मंगलवार से कोई नया कारोबार शुरू हो सकता है।

उपाय- हर रविवार को गेहूं, गुड़ व गहरे रंग के वस्त्र दान करें।

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6. कन्या राशि - आत्मसंयमित रहें। व्यर्थ के क्रोध को त्याग कर मार्च के पहले सोमवार से पिता की सेहत का विशेष ध्यान रखें। कारोबार पर पूरा ध्यान देंने के साथ ही अप्रैल के दूसरे मंगलवार से अपनी सेहत का भी ध्यान रखें। आय में कठिनाइयों के बीच खर्चों में वृद्धि संभव है। वहीं अप्रैल के दूसरे बुधवार से कुछ मानसिक शांति की संभावना के बीच दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी। कार्यों में व्यस्तता के साथ ही आय में सुधार होगा। अप्रैल के आखिरी शुक्रवार के बाद शैक्षिक कार्यों या बौद्धिक कार्यों के लिए विदेश यात्रा पर जा सकते हैं।

उपाय- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही गायत्री मंत्र का जाप करें।

7. तुला राशि - नौकरी में इच्छा से अलग कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। परिश्रम की अधिकता के बीच फरवरी के अंतिम शनिवार के बाद भवन सुख में वृद्धि हो सकती है। परंतु पिता के स्वास्थ्य का ध्यान भी रखें। कारोबार में वृद्धि के बीच अप्रैल के दूसरे मंगलवार के बाद कार्यक्षेत्र में कठिनाई आ सकती हैं। शैक्षिक कार्यों में व्यवधान के चलते मन अशांत रहेगा। अत: सचेत रहें। खर्चों में वृद्धि के चलते कुटुम्ब/परिवार में धार्मिक कार्य होंगे। धन की प्राप्ति के साथ ही मित्रों का सहयोग भी मिलेगा। अप्रैल के अंतिम शुक्रवार से शैक्षिक व शोधादि कार्यों में सफलता मिलेगी।

उपाय- मंगलवार के दिन रोटी में गुड़ रखकर गाय को खिलाएं। हर रोज सूर्य नमस्कार करें।

8. वृश्चिक राशि - फरवरी के दूसरे रविवार से माता की सेहत का ध्यान रखें। पिता का सानिध्य मिलने की संभावना है। अप्रैल के दूसरे मंगलवार के बाद से किसी पुराने मित्र से भेंट के चलते आय का नया साधन बन सकता है। भवन या सम्पत्ति सुख में वृद्धि के साथ ही शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। नौकरी में तरक्की के अवसरों के बीच धर्म के प्रति श्रद्धा भाव भी रहेगा। आय में वृद्धि होगी।

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उपाय- प्रतिदिन प्रातः दुर्गा चालीसा का पाठ किया करें। श्वेतार्क के पेड़ पर प्रतिदिन जल चढ़ाएं।

9. धनु राशि - परिवार में व्यर्थ के वाद-विवाद से बचते हुए फरवरी के दूसरे रविवार के बाद नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। स्थान परिवर्तन की संभव के बीच मार्च के पहले सोमवार से कारोबार की स्थिति में सुधार हो सकता है। वहीं अप्रैल के दूसरे मंगलवार से शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं, अत: ध्यान दें। अप्रैल के दूसरे बुधवार से माता के सुख में वृद्धि होगी। धार्मिक कार्यों में खर्च बढ़ सकते हैं। भवन के सौंदर्यीकरण के कार्यों में खर्च बढ़ सकते हैं। अप्रैल के आखिरी शुक्रवार से शनि की साढ़े साती की समाप्ति होगी। नौकरी में कार्यक्षेत्र की स्थिति में सुधार होगा।

उपाय- प्रतिदिन प्रातः आदित्य हृदय स्त्रोत्र का पाठ करें। हर रविवार के दिन गाय को गुड़ और गेहूं खिलाएं।

10. मकर राशि - परिश्रम की अधिकता के बीच फरवरी के तीसरे शुक्रवार से संतान की सेहत में सुधार हो सकता है। वाहन सुख में वृद्धि के बीच माता-पिता का सानिध्य मिलेगा। मार्च के पहले सोमवार के बाद किसी मित्र से कारोबार के प्रस्ताव के चलते धन लाभ के अवसर भी मिलेंगे। अप्रैल दूसरे मंगलवार से माता की सेहत को लेकर खर्चों में वृद्धि होगी। इस समय आय में व्यवधान आ सकते हैं। अप्रैल दूसरे बुधवार से बृहस्पति अपनी स्वराशि में प्रवेश कर तृतीय भाव में आ जाएंगे। शिक्षा व बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। धर्म के प्रति श्रद्धा भाव बढ़ेगा। नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। आय में वृद्धि हो सकती है।

उपाय- हर रोज सुबह के समय आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करें।

11. कुंभ राशि - फरवरी के दूसरे रविवार से स्थिति में सुधार तो फरवरी में ही अंतिम रविवार बाद नौकरी में कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। परिश्रम की अधिकता के बीच अपनी सेहत का ध्यान रखें। अप्रैल के दूसरे मंगलवार के बाद कार्यक्षेत्र की स्थिति में सुधार के चलते नौकरी में तरक्की के अवसर मिलेंगे।

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आय में वृद्धि के साथ ही बंधुबान्धुवों का सहयोग मिलेगा। विदेश यात्रा की योजना बन सकती है। अप्रैल दूसरे बुधवार से बृहस्पति के राशि परिवर्तन से धन की स्थिति में सुधार होगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। कुटुम्ब-परिवार में धार्मिक कार्य होंगे।

उपाय- प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक करें। सोने से बना सूर्य के निशान वाला पेंडेंट रविवार के दिन गले में धारण करें।

12. मीन राशि - किसी मित्र के सहयोग से आय में वृद्धि के बीच परिवार में व्यर्थ के वाद-विवाद से बचना होगा। फरवरी के अंतिम रविवार से संतान के सेहत के प्रति भी सचेत रहें। इस दौरान किसी सम्पत्ति से धन लाभ की संभावना के बीच मार्च के पहले सोमवार के बाद किसी कारोबार में निवेश कर सकते हैं। व्यवसायिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ने से रहन-सहन भी अव्यवस्थित हो सकता है। जिसके चलते पारिवारिक जीवन कष्टमय हो सकता है। वहीं अप्रैल के दूसरे मंगलवार के बाद से शैक्षिक कार्यों में सुधार से आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। साथ ही दाम्पत्य सुख में वृद्धि के बीच धर्म के प्रति श्रद्धाभाव रहेगा।

उपाय- प्रतिदिन प्रातः दुर्गा चालीसा का पाठ करें। हर रोज सूर्यदेव को तांबे के पात्र अर्घ्य अर्पित करें।



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