काबुल में ड्रोन हमला नहीं थी 'लापरवाही', अमेरिकी रिपोर्ट ने कहा- 'गलती' से हुई नौ आम नागरिकों की मौत

वॉशिंगटन बुधवार को जारी की गई अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट लगातार चर्चा में बनी हुई है। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की एक स्वतंत्र समीक्षा में पाया गया है कि अफगानिस्तान में जंग के अंतिम दिनों में काबुल में अमेरिकी ड्रोन हमले में बेगुनाह नागरिकों और बच्चों की मौत का कारण कोई कदाचार या लापरवाही नहीं थी। यही कारण है कि पेंटागन ने किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश नहीं की है। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि वायु सेना के लेफ्टिनेंट जनरल सैमी सेड की ओर की गई समीक्षा में संचार और लक्ष्य की पहचान करने तथा पुष्टि करने में गड़बड़ी की बात कही गई है। अधिकारी के मुताबिक, नागरिकों की मौतों को रोकने के लिए विवेकपूर्ण उपायों के बावजूद हमला गलती से हो गया। बहरहाल, उनकी रिपोर्ट अभी जारी नहीं की गई है। सेड को 29 अगस्त को एक कार पर ड्रोन से हमला किए जाने के मामले की जांच के लिए कहा गया था। हमले में हो गई थी नौ लोगों की मौतइस कार में जेमरई अमहदी और सात बच्चों सहित उनके परिवार के नौ सदस्य सवार थे। हमले में सभी की मौत हो गई थी। अहमदी (37) अमेरिका के एक मानवीय सहायता संगठन के लिए लंबे वक्त से काम कर रहे थे। पेंटागन ने बुधवार को कहा कि चीन तेजी से अपने परमाणु हथियारों में इजाफा कर रहा है। अनुमान है कि वह 2030 तक 1000 परमाणु हथियारों का लक्ष्य हासिल कर सकता है, जो चीन के महत्वाकांक्षी सैन्य निर्माण का हिस्सा है। तेजी से बढ़ रहा चीनी हथियारों का जखीराहालिया अनुमान चीन के हथियारों के जखीरे में हुई नाटकीय वृद्धि को दिखाता है। पिछली रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि दशक के अंत तक चीन के हथियारों की संख्या 400 के करीब पहुंच सकती है। अमेरिका के पास 3,750 हथियार हैं और फिलहाल वह इसे बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहा है। पेंटागन ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र करते हुए कांग्रेस की एक रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा कि अगले दशक तक पीआरसी का लक्ष्य अपने परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण और विस्तार करना है।


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