नई दिल्ली दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकरी की राय मांगी है कि क्या वह विशेष, हिंदू और विदेशी विवाह कानूनों (Special, Hindu and Foreign Marriages Acts) के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने संबंधी याचिकाओं पर कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के पक्ष में है। हाई कोर्ट में याचिक के जरिए लाइव स्ट्रीमिंग की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र के वकील को इस मुद्दे पर निर्देश लेने और जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए तीन फरवरी को सूचीबद्ध किया। अदालत कई समलैंगिक जोड़ों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें विशेष, हिंदू और विदेशी विवाह कानूनों के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध किया गया है। कुछ याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने दलीली दी कि इसमें शामिल अधिकारों को देखते हुए, कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग आवश्यक है क्योंकि यह देश की कुल आबादी के सात से आठ प्रतिशत से संबंधित है। वकील ने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है और लाइव स्ट्रीमिंग एक बड़ी आबादी का प्रतिनिधित्व कर सकती है। हाई कोर्ट ने दो अलग-अलग याचिकाओं पर भी नोटिस जारी किया और केंद्र से जवाब मांगा। इनमें से एक याचिका दो महिलाओं द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने पहले ही विदेश में अपनी शादी की है और यहां मान्यता की मांग की है और दूसरी याचिका एक ट्रांसजेंडर द्वारा दायर की गई है, जिसकी लिंग परिवर्तन सर्जरी हुई है।
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