धरती के एलियंस! न तेजाब, न धधकती गर्मी, इस जीवों पर सब है बेअसर

लंदन चाहें आप नासा के अंतरिक्ष यात्री हों या अरबपति स्पेस टूरिस्ट, अंतरिक्ष में जिंदा रहने के लिए आपको स्पेस सूट की जरूरत होगी। लेकिन हमारी धरती पर ऐसे प्राणी मौजूद हैं जो दूसरे ग्रहों जैसी 'विषम परिस्थितियों' में भी बड़े आराम से जिंदगी बिता सकते हैं। ऐसे में क्या इन जीवों को एलियंस कहा जा सकता है? समुद्र की सतह से तीन मील नीचे हाइड्रोथर्मल वेंट के आसपास भी जीवन पनपता है। यहां पाए जाने वाले जीवों के समूह 464 डिग्री सेल्सियस के उच्च तापमान में भी जिंदा रह सकते हैं। गहरे पानी में भारी दबाव के बीच सिर्फ सूक्ष्म जीव ही जीवित नहीं रह सकते। Scaly-foot gastropod नाम के एक विशेष घोंघा की खोज 2001 में की गई थी। इनका आकार एक इंच से थोड़ा बड़ा होता है। घोंघे का शरीर समुद्र तल में पाए जाने वाली धातु तत्वों से ढका हुआ होता है। इस बेहद गर्म जगह पर Pompeii नाम का कीड़ा भी पाया जाता है। पांच इंच का यह सूक्ष्मजीव बैक्टीरिया के एक कवर से ढका होता है जो इसे हाइड्रोथर्मल वेंट की गर्मी से बचाता है। 120 डिग्री की गर्मी को कर सकते हैं बर्दाश्त हाइड्रोथर्मल वेंट की परिस्थितिकी की विशेषज्ञ Dr Maggie Georgieva ने कहा कि कुछ सजीव वस्तुएं इस तरह के गर्म तापमान में भी जिंदा रहने में सक्षम होती हैं। उन्होंने कहा कि कई जानवर 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान को बर्दाश्त नहीं कर पाते। सिर्फ सूक्ष्मजीव ही चरम वातावरण में जीवित रह सकते हैं। ये 120 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी जिंदा रहने में सक्षम होते हैं। एसिड का भी नहीं होता कोई असरगर्मी प्रतिरोधी सूक्ष्मजीवों में छोटे प्राणियों के एक समूह को Archaea के नाम से जाना जाता है। यह जीवन-रूप का एक तीसरा वर्ग होता है, जो जीवाणुओं से उतना ही भिन्न है जितना कि जीवाणु अन्य सभी जीवित जीवों से हैं। इसी तरह जीनस पिक्रोफिलस नाम का एक विशेष सूक्ष्मजीव एसिड में भी जीवित रह सकता है। पृथ्वी के कोने-कोने में जीवन मौजूद हैं जिसका सबूत वैज्ञानिकों को Newfoundland के तट से दूर समुद्र तल के नीचे एक मील की गहराई में भी मिला है। अब वैज्ञानिकों का मानना है कि और ज्यादा गहराई में भी जीवन मौजूद हो सकता है।


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